📍 रांची, 9 जून (हि.स.)
झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने सोमवार को धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 125वीं पुण्यतिथि पर कोकर स्थित उनके समाधि स्थल पर जाकर माल्यार्पण किया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर राज्यपाल ने बिरसा मुंडा के साहस, संघर्ष और मातृभूमि के प्रति समर्पण को नमन किया और कहा कि उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
🔹 प्रमुख श्रद्धांजलि स्थल:
- 📍 कोकर स्थित समाधि स्थल
- 📍 राजभवन परिसर में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा
- 📍 रांची के बिरसा चौक पर स्थित प्रतिमा
राज्यपाल के साथ उनके अपर मुख्य सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी और राजभवन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
🔸 भगवान बिरसा मुंडा: एक परिचय
- 📅 जन्म: 15 नवंबर 1875, उलिहातू गांव, खूंटी (झारखंड)
- ⚔️ आंदोलन: ‘उलगुलान’ – ब्रिटिश शासन व सामाजिक अन्याय के विरुद्ध
- 📜 उपलब्धि: छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट लागू कराने में अहम भूमिका
- ⚰️ निधन: 9 जून 1900, रांची जेल (संदिग्ध परिस्थितियों में)
भगवान बिरसा मुंडा को ‘धरती आबा’ (पृथ्वी पिता) कहा जाता है। वे भारत के महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह कर आदिवासियों को उनके हक और अस्तित्व के लिए जागरूक किया। उनकी विचारधारा और संघर्ष आज भी आदिवासी समाज के लिए दीपस्तंभ की तरह है।
🙏 राज्यपाल ने कहा कि धरती आबा की विरासत सदैव लोगों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और दृढ़ संकल्पित रहने की प्रेरणा देती रहेगी।




