📍 कोलकाता, 11 जून (हि.स.) — फुरफुरा शरीफ से ताल्लुक रखने वाले पीरजादा कासेम सिद्दीकी के तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने और उन्हें पार्टी का राज्य महासचिव बनाए जाने के फैसले से सियासी हलचल तेज हो गई है। इस फैसले पर खुद पार्टी के अंदर से सवाल उठने लगे हैं।
🗣️ विधायक हुमायूं कबीर ने जताई नाराजगी
मुर्शिदाबाद के भरतपुर से तृणमूल विधायक हुमायूं कबीर ने कासेम की राजनीतिक समझ पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा,
“कासेम सिद्दीकी को राजनीति का अ आ क ख भी नहीं आता। उन्होंने कभी पार्टी के खिलाफ लाल बाजार के सामने प्रदर्शन भी किया था।”
📌 क्या बोले हुमायूं कबीर?
- “कासेम राजनीति में सक्रिय नहीं रहे, फिर भी उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी गई।”
- “देखना होगा कि उन्हें देखकर कितने लोग वोट देते हैं।”
- “मैं उन्हें कोई सर्टिफिकेट तभी दूंगा जब वे खुद को साबित करेंगे।”
👥 कासेम की पारिवारिक पृष्ठभूमि
कासेम, आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी के चचेरे भाई हैं और प्रभावशाली फुरफुरा शरीफ परिवार से ताल्लुक रखते हैं। माना जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले इस परिवार को साधने की रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
🧾 कासेम का बयान
कासेम सिद्दीकी ने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है और पार्टी के विकास कार्यों में सक्रिय भागीदारी का ऐलान किया है।