📍 वाराणसी, 14 जून (हि.स.) — काशी के अस्सी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर में परंपरा अनुसार अत्यधिक स्नान के बाद भगवान प्रतीक रूप से बीमार हो गए हैं। अब एक पखवाड़े तक वे आराम करेंगे, और इस अवधि में उन्हें औषधीय काढ़े का भोग चढ़ाया जा रहा है।
🌺 श्रद्धा और परंपरा का अनूठा संगम
- काढ़े में मिश्रित है: कच्ची चीनी, तुलसी, इलायची, दालचीनी, गुलाब जल, जायफल, चंदन अर्क
- पुजारी राधेश्याम पांडेय के अनुसार यह काढ़ा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
🙏 दर्शन भले न हो, लेकिन प्रसाद से जुड़ाव बना
- एक पखवाड़े तक भगवान के विग्रह के दर्शन नहीं होंगे
- श्रद्धालु काढ़ा रूपी प्रसाद लेकर भावविभोर हो रहे हैं
🗣️ श्रद्धालु साधना यादव ने बताया:
“पेट की पुरानी बीमारियों में काफी राहत मिली है, यह काढ़ा किसी औषधि से कम नहीं।”
🗣️ अनुराधा सिंह ने कहा:
“यह प्रसाद शरीर में नई ऊर्जा भर देता है। यह भगवान की लीला ही है कि अपनी प्रतीकात्मक बीमारी में भी वे भक्तों का कल्याण कर रहे हैं।”
🕉️ ज्येष्ठ पूर्णिमा पर हुआ था विशेष स्नान
- भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का परंपरागत जलाभिषेक
- अत्यधिक स्नान के कारण प्रतीक रूप से बीमार पड़ते हैं भगवान
- इसी दौरान उन्हें दिया जाता है औषधीय काढ़ा, जो भक्तों में भी वितरित होता है




