📍 तेहरान/यरुशलम, 16 जून (हि.स.) — ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने रविवार तड़के सूरज निकलने से पहले इजराइल पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया। इस हमले में हाइफा का बिजली संयंत्र आग की चपेट में आ गया, जबकि कई अन्य सैन्य और रणनीतिक ठिकानों को भी निशाना बनाया गया।
🔥 हमलों में हाइफा, तेल अवीव और डिमोना जैसे स्थान निशाने पर
ईरान की सरकारी समाचार एजेंसियों तस्नीम, इरना और तेहरान टाइम्स के अनुसार, ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने मिसाइलें और ड्रोन तेल अवीव, हाइफा, बेन गुरियन हवाई अड्डे, नेवातिम एयरबेस और गोलान हाइट्स में दागे। बताया गया कि हमलों में इजराइल की वायु रक्षा प्रणाली को लक्षित किया गया।
इजराइली आर्मी रेडियो की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 10 मिसाइलों को रोका नहीं जा सका, जिससे व्यापक नुकसान की आशंका है। हाइफा बिजली संयंत्र में आग लगने के कारण शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
🚨 आठवीं लहर का हमला ‘विनाशकारी’
अल जज़ीरा ने रिपोर्ट किया कि यह हमला ईरान की आठवीं मिसाइल लहर थी, जिसे अब तक का सबसे विनाशकारी हमला माना जा रहा है। डिमोना परमाणु परिसर और किर्यत गाट का अर्धचालक केंद्र भी हमले के दायरे में आए।
हमले के दौरान चेतावनी सायरन बजते रहे और एम्बुलेंस के काफिले शहरों में शवों और घायलों को निकालने के लिए तैनात किए गए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हाइफा बिजली संयंत्र धधकता नजर आया।
🕵️ मोसाद एजेंटों की गिरफ्तारी का दावा
ईरान की सरकारी एजेंसी इरना ने दावा किया कि सुरक्षा बलों ने मोसाद के दो एजेंटों को तेहरान के फशाफुयेह जिले से 200 किलोग्राम विस्फोटक, 23 ड्रोन और लॉन्चर के साथ गिरफ्तार किया है।
ईरानी पुलिस प्रवक्ता सईद मोंटेजर अल-महदी ने बताया कि दोनों संदिग्ध गंभीर विध्वंसक साजिश में शामिल थे और उन्हें “कब्जे वाले क्षेत्रों में अस्थिरता फैलाने” की तैयारी में पकड़ा गया।
📌 पृष्ठभूमि: क्यों भड़का ईरान?
ईरान का यह आक्रमण 13 जून को इजराइल द्वारा किए गए हवाई हमले के जवाब में बताया जा रहा है, जिसमें ईरानी सैन्य अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे। यह घटना दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को युद्ध के मुहाने पर ले जा सकती है।