📍 मुंबई, 16 जून (हि.स.) — वरिष्ठ पत्रकार, राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रखर प्रतिनिधि और ‘हिंदुस्तान समाचार’ के मुंबई ब्यूरो के पूर्व प्रमुख अरविंद विठ्ठल कुलकर्णी का रविवार को निधन हो गया। वे 84 वर्ष के थे। चार दिनों से वे सीने में जमे कफ की समस्या से जूझ रहे थे और घर पर ही आराम कर रहे थे।
उनके निधन से पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर को पवई स्थित मोक्षधाम में किया गया, क्योंकि उनके बेटे डॉ. मल्हार और केदार मुंबई में उपस्थित नहीं थे।
🖋️ एक राष्ट्रवादी पत्रकार का प्रेरक सफर
अरविंदराव कुलकर्णी ने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत आचार्य अत्रे के ‘मराठा’ से की थी। इसके बाद उन्होंने ‘मिड डे’ में लंबे समय तक राजनीतिक संपादक के रूप में कार्य किया। खालिद अंसारी जैसे प्रधान संपादक की उपस्थिति में भी उन्होंने अपने हिंदुत्व विचारों से समझौता नहीं किया। वे उन गिने-चुने पत्रकारों में थे जिन्होंने विचारधारा के साथ निष्पक्ष पत्रकारिता का संतुलन साधा।
- वे साप्ताहिक ‘विवेक’ और मासिक ‘धर्म भास्कर’ के संपादक भी रहे।
- उन्होंने लगभग एक दशक तक पं. भा. भावे स्मृति समिति के कार्यकारी निदेशक के रूप में सक्रिय भूमिका निभाई।
- पिछले कुछ वर्षों से वे ‘अधोरेखित’ यूट्यूब चैनल के माध्यम से वैचारिक संवाद में सक्रिय थे।
👨👩👦👦 परिवार और योगदान
उनके परिवार में पत्नी और तीन पुत्र हैं:
- डॉ. मल्हार कुलकर्णी – संस्कृत विभागाध्यक्ष, IIT मुंबई
- केदार कुलकर्णी – वनवासी कल्याण आश्रम, अरुणाचल प्रदेश में पूर्णकालिक कार्यकर्ता
- ओमकार कुलकर्णी – अंग्रेजी कवि, लेखक और अभिनेता
अरविंदराव को उनकी बेबाक शैली, राष्ट्रीय मुद्दों पर स्पष्ट दृष्टिकोण और विचारों की स्पष्टता के लिए जाना जाता था। उन्होंने अनेक युवाओं को राष्ट्रवादी पत्रकारिता का मार्गदर्शन दिया।
🙏 श्रद्धांजलि
उनका निधन न केवल एक पत्रकार का जाना है, बल्कि एक विचारशील आवाज़ का मौन हो जाना भी है। अरविंद विठ्ठल कुलकर्णी को भारतीय पत्रकारिता में उनके समर्पण, वैचारिक प्रतिबद्धता और मार्गदर्शक भूमिका के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
🕊️ ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे।