रांची, 17 जून।
एक सर्द और भावनात्मक माहौल में मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने आवासीय कार्यालय में झारखंड जगुआर (एसटीएफ) के वीर जवान आरक्षी सुनील धान के परिजनों से मुलाकात की। यह वही बहादुर जवान हैं जो नक्सल विरोधी अभियान के दौरान 12 अप्रैल 2025 को चाईबासा के रातामाटी गांव में IED विस्फोट में शहीद हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने भावभीने शब्दों में कहा:
“आरक्षी सुनील धान ने राज्यवासियों की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया है। हमारी सरकार उनकी शहादत को कभी नहीं भूलेगी। झारखंड हमेशा अपने बलिदानियों का ऋणी रहेगा।”
🎁 वित्तीय सहायता का ऐलान:
- ₹1.20 करोड़ का चेक SBI पुलिस सैलरी पैकेज के तहत सौंपा गया
- ₹1.46 करोड़ की अतिरिक्त सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेजी गई
- पेंशन प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, अगले महीने से भुगतान शुरू होगा
👪 परिजनों से सीधा संवाद:
मुख्यमंत्री ने शहीद की माता फगनी उराइन, पत्नी गंदरी धान, और बच्चों प्रियांश व अनिकेत से बातचीत की और पारिवारिक हालात समझे। उन्होंने शहीद की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति का विकल्प भी दिया, जिस पर उन्होंने कहा कि बच्चों के बड़े होने के बाद वह इस पर विचार करेंगी।
🏠 पुश्तैनी ज़मीन पर सरकार की नजर:
शहीद की माता ने बताया कि उनका पुश्तैनी घर कर्रा प्रखंड के कांटी पोहरा टोली में है, जहां खेतीबाड़ी की व्यवस्था है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि परिजनों को सभी सरकारी योजनाओं और पेंशन से तुरंत जोड़ा जाए।
🔥 वीरगति की पृष्ठभूमि:
12 अप्रैल 2025 को नक्सल विरोधी विशेष अभियान के तहत जब आरक्षी सुनील धान रातामाटी के जंगलों में डटे थे, तब एक IED विस्फोट की चपेट में आ गए। उन्हें एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया, लेकिन वे बच नहीं सके। उसी दिन वे वीरगति को प्राप्त हुए।
👥 उपस्थित अधिकारी:
- वंदना दादेल, प्रधान सचिव, गृह विभाग
- इंद्रजीत महथा, डीआईजी, झारखंड जगुआर
- सुनील कुमार रजवार, सीनियर डीएसपी
- मनोज कुमार, उप महाप्रबंधक, SBI
- विकास कुमार पांडे, मुख्य प्रबंधक, SBI
मुख्यमंत्री का संदेश: “हिम्मत और धैर्य के साथ आगे बढ़िए, राज्य सरकार आपके दुःख-सुख में हमेशा साथ है।”
👉 यह सिर्फ एक श्रद्धांजलि नहीं, एक वादा है — झारखंड अपने शहीदों को कभी नहीं भूलता।