हरिद्वार, 17 जून (हि.स.)।
हरिद्वार के कनखल स्थित श्री रामेश्वर आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास महामण्डलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के विवाह प्रसंग का अत्यंत भावपूर्ण वर्णन किया। कथा श्रवण करते हुए श्रद्धालु भक्ति रस में आत्मविभोर हो गए।
🎉 रुक्मिणी विवाह की झांकी में बही भक्ति की बयार
- इस अवसर पर रुक्मिणी विवाह की दिव्य झांकी प्रस्तुत की गई, जिसमें श्रीकृष्ण-रुक्मिणी की वरमाला के समय फूलों की वर्षा और भक्तिमय संगीत ने समूचे वातावरण को आध्यात्मिक उल्लास से भर दिया।
- नगर विधायक मदन कौशिक ने भी कथा में सम्मिलित होकर कथा व्यास एवं आयोजकों को नमन किया और सभी के कल्याण की कामना की।
📜 कथा के अन्य प्रमुख प्रसंग
कथा व्यास स्वामी रामेश्वरानंद जी ने श्रीकृष्ण की मथुरा यात्रा, कंस वध, महर्षि संदीपनी से शिक्षा, कालयवन वध, द्वारका की स्थापना, और ऊधव-गोपी संवाद जैसे प्रसंगों को भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया।
🕉️ आध्यात्मिक जीवनशैली पर बल
स्वामी जी ने कहा:
“संस्कारयुक्त जीवन ही भगवान को प्रिय है। ब्रह्म मुहूर्त में जागना, यज्ञ, और गौ सेवा करना जीवन को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।”