अनूपपुर, 22 जून (हि.स.) — कभी गंभीर बीमारियों से जूझ रहीं सुधा मालवीय ने योग के जरिए न केवल आर्थराइटिस और सिस्ट जैसी बीमारियों को मात दी, बल्कि अब दूसरों को स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा भी दे रही हैं। वे प्रतिदिन 65 बार सूर्य नमस्कार करती हैं और 43 से अधिक योग शिविर संचालित कर चुकी हैं।
⚖️ क्या है कहानी?
वर्ष 2006 से पहले सुधा आर्थराइटिस और ओवरी सिस्ट से पीड़ित थीं। डॉक्टर्स ने घुटना प्रत्यारोपण की सलाह तक दे दी थी। चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। 2009 में उन्होंने नगर के योग केंद्र में जेपीएन शर्मा से योग सीखना शुरू किया और छह माह में उनका स्वास्थ्य पूरी तरह बदल गया।
⚠️ योग बना जीवन का हिस्सा
सुधा और उनके पति विनोद मालवीय पिछले 19 वर्षों से योग को जीवन का अभिन्न हिस्सा बना चुके हैं। वे कहती हैं, “योग ने मेरी जिंदगी बदल दी। अब मेरा लक्ष्य है—दूसरों की भी जिंदगी संवारना।”
📜 योग से सैकड़ों को मिला लाभ
सुधा अब महिला पतंजलि योग केंद्र की जिला प्रभारी हैं। वे 27 योग कक्षाएं संचालित कर रही हैं। योग शिविरों से सैकड़ों लोग लाभान्वित हो चुके हैं। नींद न आने से लेकर शारीरिक समस्याओं तक कई लोगों ने उनके मार्गदर्शन में राहत पाई है।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य
• आर्थराइटिस और सिस्ट जैसी बीमारियों से पाई निजात
• प्रतिदिन 65 सूर्य नमस्कार
• 43 योग शिविरों और 27 कक्षाओं का संचालन
• योग को बनाया जीवन का उद्देश्य
• “करते रहें योग, मिटते जाएंगे सब रोग” — सुधा मालवीय