बीमारी से प्रेरणा तक: सुधा मालवीय की योग-यात्रा
- कभी आर्थराइटिस और ओवरी सिस्ट जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहीं सुधा मालवीय ने अब योग को न सिर्फ अपनी दवा, बल्कि ध्यान और जीवन का लक्ष्य बना लिया है।
- सुधा अब तक 43 योग शिविर और 27 नियमित योग कक्षाएं संचालित कर चुकी हैं। वे प्रतिदिन 65 बार सूर्य नमस्कार करती हैं और कहती हैं—
“करते रहें योग, मिटते जाएंगे सब रोग।”
🧘♀️ कैसे हुआ बदलाव?
वर्ष 2006 तक सुधा का चलना-फिरना मुश्किल हो गया था। डॉक्टरों ने घुटना प्रत्यारोपण तक की सलाह दे दी थी।
2009 में उन्होंने नगर के योग केंद्र में जेपीएन शर्मा से योग सीखना शुरू किया। सिर्फ 6 माह में उन्होंने अपनी सेहत में चमत्कारी सुधार देखा।
🌟 अब दूसरों को दे रही हैं नया जीवन
- आज सुधा, पतंजलि योग समिति की जिला प्रभारी हैं।
- वे और उनके पति विनोद मालवीय, पिछले 19 वर्षों से नियमित योग कर रहे हैं।
उनके मार्गदर्शन में सैकड़ों लोग नींद, मोटापा, थकान, तनाव जैसी समस्याओं से राहत पा चुके हैं।
📌 प्रमुख उपलब्धियां:
- ✅ आर्थराइटिस और सिस्ट से मुक्ति
- ✅ 65 सूर्य नमस्कार प्रतिदिन
- ✅ 43 योग शिविर और 27 कक्षाओं का संचालन
- ✅ महिला स्वास्थ्य और मानसिक सशक्तिकरण में योगदान
🪷 क्या आप भी स्वास्थ्य चाहते हैं? सुधा मालवीय की तरह योग को अपनाएं और जीवन बदलें।