नदिया जिले के कालीगंज में बम विस्फोट की चपेट में आकर एक 10 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। घटना ने राजनीतिक रंग ले लिया है और क्षेत्र में तनाव व्याप्त है।
📌 घटना का विवरण
- स्थान: मोलांदा गांव, कालीगंज विधानसभा क्षेत्र, नदिया जिला
- तारीख: सोमवार, 24 जून
- पीड़िता: तमन्ना खातून, उम्र 10 वर्ष, कक्षा 4 की छात्रा
- स्थिति: स्नान के बाद मां के साथ लौटते समय विस्फोट में मौत
- बम प्रकार: कथित रूप से “सॉकेट बम”
👮♂️ अब तक की गई गिरफ्तारियाँ
पुलिस ने पांच लोगों को हिरासत में लिया है:
- आदर शेख
- मानोवर शेख
- कालू शेख
- अनवर शेख
- शरीफुल शेख (बुधवार को गिरफ्तार)
🗳️ राजनीतिक पृष्ठभूमि और आरोप
- घटना कालीगंज उपचुनाव की मतगणना के दौरान हुई।
- तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार अलिफा अहमद को भारी बढ़त मिल रही थी।
- विजय जुलूस के दौरान कथित रूप से माकपा समर्थकों के घरों पर बम फेंके गए।
- पीड़िता की मां सबीना यास्मीन का दावा: “हम माकपा समर्थक हैं, और बम फेंकने वालों के चेहरे पहचाने हैं, वे सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हैं।”
🔍 पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
- पुलिस अधीक्षक अमरनाथ के ने बताया कि:
- 2023 से इलाके में दो गुटों में विवाद चल रहा है।
- फॉरेंसिक और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही पूरी सच्चाई सामने आएगी।
- इलाके में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
🧾 मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया।
- आरोपितों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
🧠 सारांश: क्यों महत्वपूर्ण है यह मामला?
- यह घटना राजनीति, कानून व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है।
- चुनावी माहौल में हुई यह घटना दर्शाती है कि राजनीतिक रंजिश किस हद तक जा सकती है।
- मामले की सीबीआई या उच्चस्तरीय जांच की मांग हो सकती है यदि राजनीतिक दबाव बढ़ता है।