मुख्य बातें:
- बैठक की अध्यक्षता: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल
- केंद्र बिंदु:
- आत्मनिर्भर भारत
- गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास
- निर्यात में वृद्धि
- बुनियादी ढांचे में सुधार
🏭 पीएलआई योजना का लक्ष्य:
- उद्देश्य: भारत में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना
- घोषणा वर्ष: 2021
- कुल परिव्यय: ₹1.97 लाख करोड़
- लाभान्वित क्षेत्र: कुल 14 प्रमुख क्षेत्र
📊 अब तक की उपलब्धियाँ:
- कुल निवेश: ₹1.76 लाख करोड़
- अनुमानित उत्पादन: ₹16.5 लाख करोड़ (मार्च 2025 तक)
- रोजगार सृजन: 12 लाख (प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष)
- प्रोत्साहन राशि वितरित: ₹21,534 करोड़ (12 क्षेत्रों में)

🛠️ लाभान्वित क्षेत्र (14):
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण
- आईटी हार्डवेयर
- बल्क ड्रग्स
- चिकित्सा उपकरण
- फार्मास्यूटिकल्स
- दूरसंचार और नेटवर्किंग
- खाद्य प्रसंस्करण
- व्हाइट गुड्स
- ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक
- विशेष इस्पात
- कपड़ा
- ड्रोन और ड्रोन घटक
- रिन्यूएबल एनर्जी घटक
- सेमीकंडक्टर (आंशिक रूप से जोड़ा गया)
🗣️ पीयूष गोयल ने क्या कहा:
- “भारत को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त वाले क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए”
- “गुणवत्ता आधारित जनशक्ति विकास पर ज़ोर दें”
- “एनआईसीडीसी के साथ मिलकर बुनियादी ढांचा बाधाएं दूर करें”
- “वॉल्यूम नहीं, वैल्यू पर फोकस करें“
🔍 निष्कर्ष:
पीएलआई योजना न केवल भारत को उद्योगों में आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि यह रोजगार, निवेश और निर्यात के क्षेत्रों में भी क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। समीक्षा बैठक में पीयूष गोयल की रणनीतिक सलाह देश को वैश्विक विनिर्माण हब बनने की दिशा में और करीब लाती है।