Devshayani Ekadashi 2025 इस बार 12 जुलाई को मनाई जाएगी। इसे हरिशयनी एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि इसी दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं और चार महीने बाद प्रबोधिनी एकादशी पर जागते हैं।
व्रत का महत्व
इस दिन व्रत करने से कई जन्मों के पाप कटते हैं। मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।
यह दिन भगवान विष्णु के भक्तों के लिए सबसे पवित्र माना जाता है।
व्रत का सही तरीका
- व्रत से एक दिन पहले सात्विक भोजन लें और संयम रखें।
- एकादशी के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान के बाद विष्णु भगवान की पूजा करें।
- व्रती को अन्न, मसूर, चावल, और तामसिक वस्तुएं नहीं खानी चाहिए।
- दिनभर व्रत रखें, भजन-कीर्तन करें और रात को जागरण करें।
- अगले दिन द्वादशी को गरीबों को दान देकर व्रत का पारण करें।
90% लोग क्या गलती करते हैं?
अधिकतर लोग एकादशी पर चावल या अनजाने में मसूर दाल खा लेते हैं। यह व्रत के नियमों के अनुसार वर्जित है और पुण्य समाप्त कर देता है।
कुछ लोग सूरज उगने के बाद व्रत का संकल्प लेते हैं, जो कि नियम के खिलाफ है।