🔍 क्या है पूरा मामला?
SEBI Jane Street एक्शन 2025 के तहत भारतीय मार्केट रेगुलेटर SEBI ने अमेरिकी फर्म Jane Street और उसकी तीन भारतीय इकाइयों पर भारतीय शेयर बाजार में तत्काल प्रभाव से कारोबार पर रोक लगा दी है। आरोप है कि फर्म ने ₹4843 करोड़ (लगभग $570 मिलियन) की मैनिपुलेटिव ट्रेडिंग कर अवैध लाभ कमाया।
🧠 कैसे की गई हेराफेरी?
Jane Street ने अपनी सब्सिडियरी कंपनियों –
- Jane Street Asia Trading Ltd (JSATL)
- Jane Street India Trading Pvt Ltd (JSITPL)
- Jane Street Asia LLC (JSALLC)
के जरिए भारतीय शेयर बाजार में हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) और एल्गोरिदम-बेस्ड मैनिपुलेशन के जरिए निफ्टी और बैंक निफ्टी इंडेक्स में Buy और Sell ऑर्डर एक ही कीमत, समय और कॉन्ट्रैक्ट में प्लेस किए।
👉 यह रणनीति विशेष रूप से साप्ताहिक और मासिक एक्सपायरी वाले दिन अपनाई जाती थी, ताकि अंतिम मिनट के उतार-चढ़ाव से इंडेक्स की क्लोजिंग प्राइस को प्रभावित किया जा सके।
📛 SEBI का आदेश – अब क्या?
- ₹4843 करोड़ की अवैध कमाई जब्त की जाएगी
- Jane Street की कंपनियों को शेयर बाजार में किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग से बैन
- बैंकों को आदेश – इनके खातों से बिना अनुमति कोई लेनदेन नहीं
- कंपनियों को SEBI की अनुमति के बिना कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेश करने की इजाजत नहीं
📈 क्यों है ये मामला इतना गंभीर?
SEBI की जांच में सामने आया कि Jane Street जैसी फर्मों की वजह से इंडिविजुअल ट्रेडर्स को भारी नुकसान हुआ है। SEBI की एक रिपोर्ट के अनुसार:
- 90% रिटेल ट्रेडर्स को नुकसान
- सिर्फ 2 साल में ₹1.8 लाख करोड़ का घाटा
- विदेशी हेज फंड्स ने जमकर मुनाफा कमाया
⚠️ क्या सीख मिलती है?
- बाजार में तकनीकी चालों से सिर्फ बड़ी कंपनियां नहीं, बल्कि आम निवेशक सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
- Algo Trading और HFT को रेगुलेट करने की सख्त जरूरत है।
- यह कार्रवाई SEBI की तरफ से न्यायपूर्ण बाजार संचालन की दिशा में अहम कदम है।
🔚 निष्कर्ष:
SEBI Jane Street एक्शन 2025 इस बात का सबूत है कि अगर कोई भी संस्थान भारतीय शेयर बाजार की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचाता है, तो उस पर सख्त कार्यवाही होगी – चाहे वह कितना भी बड़ा या विदेशी क्यों न हो।