🌍 अटूट रैंकिंग नहीं, लेकिन आत्मा बनी है बेख़ौफ़
- Anand का FIDE classical rating अभी भी 2743 है, जो उन्हें विश्व की टॉप-15 सूची में रखता है।
👀 León Masters में हार, लेकिन हौसला कम नहीं हुआ
- 38वें León Masters में Vietnamese GM Le Quang Liem ने उन्हें 3–1 से हराया, तोटर्नामेंट जीत लिया।
- हालांकि, Anand ने युवा Faustino Oro (11) को सेमीफाइनल में tiebreak में 3.5–2.5 से हराया—योग्य दस्तक।
🎯 Gukesh को ‘B’ ग्रेड—शिक्षा के पीछे समझदारी
- Norway Chess में Anand ने हालिया world champion Gukesh Dommaraju को ग्रेड “C–” से सुधार कर “B” तक ले गया।
“I think I will go up to B. … Given that he survived and based on his points.”
— Anand की ये प्रतिक्रिया दिखाती है उनका यथार्थवादी और प्रेरक दृष्टिकोण।
🛡️ नई पहचान – FIDE में भूमिका और अगले नए सितारे तैयार करना
- 2022 में Anand बने FIDE के उपाध्यक्ष, और वे Chennai में WestBridge Anand Chess Academy के माध्यम से युवा generation का मार्गदर्शन कर रहे हैं ।
- उनकी mentoring में उभर रहे खिलाड़ी—Gukesh, Praggnanandhaa, और Pranav Venkatesh—ने विश्व स्तर पर नया मुकाम बनाया है।
🧭 क्या कहती है बड़ी तस्वीर?
- विजय और हार जीवन का हिस्सा हैं। León और Norway Chess की घटनाओं ने Anand को न केवल चुनौती दी, बल्कि युवा खिलाड़ियों की ताकत भी दिखी।
- तकनीकी सुपरग्रैंडमास्टर पर भरोसा रखें। Gukesh और Praggnanandhaa की तेज़ प्रगति राख को राख और आग को आग मत समझें—Anand की आँखें भविष्य की ओर हैं।
- FIDE में उत्तरदायित्व और युवा शिक्षक भूमिका। अब Anand की भूमिका खिलाड़ी से मेंटर और वैश्विक राजदूत बनने की राह पर दिखती है।
🔎 निष्कर्ष
Viswanathan Anand अब भी चेस की दुनिया में ऊँचा खड़ा है—चाहे FIDE रैंकिंग हो, León Masters की हार हो, या Gukesh को ग्रेड देना।
उनकी वापसी सिर्फ पुराने खिताब की नहीं—नए दौर को नया दृष्टिकोण देने की है।
क्या उनका अगला कदम फिर से glory के लिए होगा, या वह इस बार कुछ और बड़ा जनेंगे?
👉 आप क्या सोचते हैं—वह फिर से टूर्नामेंट खिताब जित पाएंगे, या काॅच दा यूथ को उनकी अनुपस्थिति में? कमेंट करें!