आईआईएम जोका मामला: जांच में विरोधाभास, कौन है असली काउंसलर?
आईआईएम जोका मामला अब सिर्फ एक आपराधिक केस नहीं, बल्कि जांच और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल बन चुका है।
पुलिस रिपोर्ट में दो विरोधी दावे
पुलिस द्वारा अदालत में दाखिल रिपोर्ट में एक ओर आरोपित को पीड़िता को काउंसलिंग के बहाने बुलाने वाला बताया गया है, वहीं दूसरी ओर आरोपित को खुद एक काउंसलर बताया गया है जिसने सोशल मीडिया पर युवती से संपर्क किया था।
पीड़िता और पिता के बयान में अंतर
पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसे बेहोश कर दुष्कर्म किया गया। वहीं, महज 12 घंटे के भीतर उसके पिता ने बयान दिया कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी। उन्होंने पुलिस पर दबाव डालकर शिकायत दर्ज कराने का आरोप लगाया।
गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया
घटना के चार घंटे बाद ही आरोपी को हॉस्टल से गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, घटना 11:45 बजे से शाम 8:35 बजे के बीच घटी। लेकिन, असली सवाल बना हुआ है—किसने किसे बुलाया?
वकील का दावा और रिपोर्ट का विरोधाभास
आरोपित के वकील का दावा है कि आईआईएम जोका मामला में असली काउंसलर पीड़िता थीं। पुलिस रिपोर्ट की दो अलग-अलग कहानियों से अब पूरा मामला उलझता जा रहा है।
अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं
लालबाजार पुलिस मुख्यालय की ओर से कोई स्पष्ट बयान न आने से जनता में असमंजस गहराता जा रहा है। यह मामला अब कानून, प्रक्रिया और न्याय की पारदर्शिता का भी परीक्षण बन चुका है।