हालात स्थिर, मगर खतरे जारी
अमेरिकी विदेश विभाग की ताज़ा बांग्लादेश मानवाधिकार रिपोर्ट के अनुसार, देश में हालात स्थिर जरूर हैं, लेकिन कई गंभीर चुनौतियां बरकरार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्रकारों पर हमले, सेंसरशिप, अनुचित गिरफ्तारियां और श्रमिक अधिकारों का उल्लंघन अब भी जारी है।
विद्रोह के बाद का बदलाव
पिछले साल जुलाई-अगस्त के विद्रोह के बाद हालात में कुछ सुधार आया। अंतरिम सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर काम किया और अपराधियों को सज़ा दिलाने की कोशिशें कीं। इसके बावजूद बांग्लादेश मानवाधिकार रिपोर्ट में गैरकानूनी हत्याएं, जबरन गुमशुदगी और यातना जैसे मामलों पर चिंता जताई गई है।
पत्रकार और श्रमिक निशाने पर
रिपोर्ट के मुताबिक, मीडिया की स्वतंत्रता पर कड़े प्रतिबंध जारी हैं। पत्रकारों को धमकियां, हिंसा और मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है। श्रमिक संघ बनाने पर रोक और मजदूर नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भी दर्ज की गई है। बाल श्रम की समस्या अब भी बेरोकटोक जारी है।
पिछली सरकार पर आरोप
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि पिछली अवामी लीग सरकार के दौरान मानवाधिकार उल्लंघनों में शामिल लोगों को शायद ही कभी सज़ा मिली हो। हालांकि, नई अंतरिम सरकार ने इन मामलों में कार्रवाई शुरू की है। बांग्लादेश मानवाधिकार रिपोर्ट में छात्र संगठनों की हिंसा का भी जिक्र है।
आगे की राह
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बांग्लादेश को एक सुरक्षित और स्वतंत्र देश बनाना है, तो मानवाधिकार सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। बांग्लादेश मानवाधिकार रिपोर्ट साफ करती है कि स्थिरता के बावजूद अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है।