Child Labour Case मामला कैसे शुरू हुआ?
- Child Labour Case पीड़ित बच्चा बिहार के किशनगंज जिले का रहने वाला है।
- रोजगार की तलाश में बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर पहुंचा।
- वहां एक व्यक्ति ने उसे 10 हजार रुपये मासिक वेतन का लालच दिया।
- बच्चा उम्मीद से उसके साथ गया, लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग निकली।
🛑 झूठे रोजगार का काला सच
- बच्चे को जींद जिले की एक भैंस डेयरी पर ले जाया गया।
- वहां उसे मजदूरी करने पर मजबूर किया गया।
- बालक को यातना और शोषण का सामना करना पड़ा।
- यह मामला बंधुआ मजदूरी और मानवाधिकार उल्लंघन का साफ उदाहरण है।
⚖️ मानवाधिकार आयोग की बड़ी कार्रवाई Child Labour Case पर
हरियाणा मानवाधिकार आयोग ने इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कहा:
- यह संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) और अनुच्छेद 23 (बंधुआ मजदूरी पर रोक) का उल्लंघन है।
- आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की जाए।
- पीड़ित बच्चे का पुनर्वास और सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- जिला प्रशासन और पुलिस से रिपोर्ट तलब की गई है।
📑 अगली सुनवाई और आदेश
- आयोग ने इस केस की अगली सुनवाई 4 नवंबर 2025 तय की है।
- तब तक प्रशासन को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
👨👩👦 Child Labour Case पीड़ित के पुनर्वास की योजना
मानवाधिकार आयोग ने यह स्पष्ट किया है कि बच्चे को मिलेगा:
- शिक्षा की सुविधा
- सुरक्षित वातावरण
- पुनर्वास और देखभाल
- कानूनी संरक्षण