Doctor Negligence Case: जब पिता झोले में लेकर पहुंचा अपने बेटे का शव
लखीमपुर खीरी में Doctor Negligence Case ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। एक पिता अपने बेटे का शव झोले में डालकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और अधिकारियों के सामने अस्पताल की शर्मनाक लापरवाही का सच बयान कर दिया।
कैसे हुई घटना? – पूरी टाइमलाइन
- गर्भवती महिला को गुरुवार रात प्रसव पीड़ा हुई।
- पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल भेजा गया।
- परिजन निजी गोलदार अस्पताल ले गए, लेकिन वहां स्थिति और बिगड़ गई।
- डॉक्टरों ने इलाज करने के बजाय महिला को धक्का देकर बाहर निकाल दिया।
- दूसरे अस्पताल में जांच हुई तो पता चला कि बच्चा पेट में ही मर चुका है।
पिता के आरोप
पीड़ित पति विपिन गुप्ता ने कहा:
- डॉक्टरों ने जानबूझकर गलत दवाइयां दीं।
- नवजात की जान लापरवाही से गई।
- उनकी पत्नी की जान भी खतरे में पड़ गई।
- डॉक्टर मनीष गुप्ता और हुकुमा गुप्ता पर हत्या और लापरवाही का आरोप लगाया।
DM दुर्गाशक्ति नागपाल की सख्त कार्रवाई
- अस्पताल को तुरंत सील किया गया।
- सभी मरीजों को जिला महिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
- गर्भवती महिला को सृजन अस्पताल में भर्ती कराया गया।
- DM ने कहा – “जिले का हर व्यक्ति मेरा परिवार है, लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।”
- प्रसूता का सारा खर्च DM ने व्यक्तिगत तौर पर उठाने का वादा किया।
उठते सवाल – क्या अब इलाज सुरक्षित है?
यह Doctor Negligence Case सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम पर चोट है।
- क्या निजी अस्पताल सिर्फ पैसों के लिए काम कर रहे हैं?
- क्यों प्रशासन हमेशा हादसे के बाद हरकत में आता है?
- क्या मरीज की सुरक्षा अब केवल किस्मत पर निर्भर है?