🇮🇳 अब आया ‘स्वदेशी’ का कार्ड
जब डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर छेड़ा तो पूरी दुनिया के कई देश दबाव में आ गए। लेकिन भारत का जवाब अलग था। पीएम मोदी ने पेश किया नया हथियार – PM Modi Swadeshi Card।
वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया के बाद अब बड़ा सवाल है – क्या यह नया स्वदेशी कार्ड असर दिखाएगा या सिर्फ त्योहारी नारा बनकर रह जाएगा?
🔍 वोकल फॉर लोकल और मेक इन इंडिया – अब तक का सफर
- 2014 – मेक इन इंडिया: भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने का लक्ष्य। मोबाइल, फार्मा और रक्षा सेक्टर में सफलता।
- 2020 – वोकल फॉर लोकल: कोविड-19 के दौरान भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील। निर्यात बढ़ा, आयात पर कुछ कमी आई।
- विपक्ष की आलोचना: नौकरियों और निवेश में उम्मीद से कम बढ़ोतरी।
🛍️ नई अपील: त्योहारी सीजन में ‘PM Modi Swadeshi Card’ खरीदें
पीएम मोदी ने दुकानदारों से अपील की है कि वे दुकान पर “यहां स्वदेशी बिकता है” का बोर्ड लगाएँ और लोगों से भारतीय सामान खरीदने का आग्रह करें।
नवरात्रि से लेकर दिवाली तक की खरीदारी पर यह संदेश असर डाल सकता है। यह कदम सिर्फ त्योहारी मार्केटिंग नहीं बल्कि अमेरिकी टैरिफ दबाव का जवाब भी है।
📈 जानकारों की राय: कितना असरदार होगा?
- ORF रिपोर्ट: स्वदेशी तुरंत नतीजे नहीं देगा, लेकिन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम है।
- पॉलिसी सर्कल: MSME को कर्ज और निर्यात बढ़ाने के लिए ठोस नीतियों की ज़रूरत है।
- अर्थशास्त्री: टैरिफ का असर जीडीपी पर पड़ सकता है, मगर यह मेक इन इंडिया को तेज़ कर सकता है।
⚖️ चुनौतियां और संभावनाएं
चुनौतियां:
- विदेशी सामान की तुलना में कीमत और गुणवत्ता।
- MSME सेक्टर की वित्तीय समस्याएँ।
- उपभोक्ता का भरोसा जीतना।
संभावनाएं:
- ₹1 लाख करोड़ टैक्स राहत और GST सुधार से घरेलू खपत बढ़ेगी।
- PLI स्कीम से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर मजबूत होगा।
- जागरूकता अभियान से आम जनता और व्यापारी जुड़ सकते हैं।
🎯 अंतिम नतीजा
PM Modi Swadeshi Card सिर्फ एक त्योहारी स्लोगन नहीं है, बल्कि यह भारत का आर्थिक हथियार है। इसकी सफलता तीन चीज़ों पर टिकी है – गुणवत्ता, उपभोक्ता का भरोसा और MSME को मजबूती।
अगर लोग इसे आंदोलन की तरह अपनाते हैं, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को नई ताकत दे सकता है।