शिक्षा बनाम बचपन की थीम
रांची में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार राजस्थान मित्र मंडल दुर्गा पूजा का पंडाल “शिक्षा जरूरी पर बचपन उससे ज्यादा” थीम पर बनाया जा रहा है। पंडाल का मुख्य संदेश है कि बच्चों पर पढ़ाई का बोझ इतना न बढ़े कि उनका बचपन खो जाए।
भव्य पंडाल और मूर्तियां
बड़ा तालाब के पास लगभग 45 लाख रुपये खर्च कर पंडाल तैयार किया जा रहा है। इसमें मां दुर्गा के साथ गणेश, कार्तिक, सरस्वती और लक्ष्मी की मूर्तियां होंगी। मां दुर्गा के हाथ में एक बच्चा भी होगा। 12 फीट ऊंची प्रतिमा के साथ पढ़ते बच्चों की 60 मॉडल मूर्तियां भी लगाई जाएंगी। राजस्थान मित्र मंडल दुर्गा पूजा का यह दृश्य शिक्षा के दबाव की सच्चाई दर्शाएगा।
पंडाल की विशेषताएं
पंडाल का काम मेदनीपुर के 50 कारीगर और 60 महिलाएं कर रही हैं। बाहर भारत मां की 7 फीट ऊंची मूर्ति लगेगी, जो अखंड भारत का संदेश देगी। लाइटिंग, प्रतिमा और अन्य कार्य मिलाकर कुल खर्च करीब 45 लाख रुपये होगा।
आयोजन और भोग
समिति के अनुसार 25 सितंबर को पंडाल का पट खुलेगा। अष्टमी को महाभोग, नवमी को खिचड़ी और दशमी को खीर का भोग चढ़ाया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रम और सवामणी भोग भी होंगे। राजस्थान मित्र मंडल दुर्गा पूजा की यह परंपरा पिछले 47 सालों से धूमधाम से जारी है।
स्वदेशी का संदेश
समिति ने घोषणा की है कि इस बार पंडाल परिसर में अमेरिकी उत्पादों की बिक्री नहीं होगी। लोगों को स्वदेशी अपनाने का संदेश दिया जाएगा। साथ ही दिशोम गुरु को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।