नेपाल में अंतरिम सरकार पर चर्चा
काठमांडू। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा गया है। आंदोलन और हिंसा के बीच अब देश में अंतरिम सरकार के गठन पर चर्चा शुरू हो गई है। इस बीच, पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की का नाम सबसे आगे निकलकर आया है।
आंदोलनकारियों की सहमति
‘जेन जी’ समूह और कई आंदोलनकारी नेताओं ने सैन्य अधिकारियों से मुलाकात कर सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाने का समर्थन किया है। काठमांडू के महापौर बालेंद्र शाह और पूर्व मंत्री सुमना श्रेष्ठ के नाम पर भी चर्चा हुई थी, लेकिन उन्होंने पीछे हटते हुए कार्की का समर्थन किया।
सुशीला कार्की का परिचय
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश रह चुकी हैं और 2016-17 के दौरान उन्होंने यह पद संभाला। वे भारत के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की पूर्व छात्रा भी हैं। न्यायपालिका में उनकी ईमानदार और निष्पक्ष छवि उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है।
नेपाल में हालात
प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद से देश सरकार विहीन है। इस बीच हिंसक प्रदर्शनों में 30 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हैं। कई जेलों से 7,000 से अधिक कैदी भाग निकले हैं। काठमांडू और अन्य शहरों में सेना ने कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लागू कर दी है।