उज्जैन: उद्योग और रोजगार का नया केंद्र
उज्जैन, 12 सितंबर। मध्यप्रदेश का उज्जैन शहर अब उद्योग और रोजगार का नया गढ़ बनकर उभर रहा है। विक्रम उद्योगपुरी और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में फार्मा, बायोटेक और सोलर इंडस्ट्री में अगले पांच वर्षों में डेढ़ लाख से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने की संभावना है।
उज्जैन में अब तक 12,500 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आ चुका है और 18 हजार से ज्यादा प्रत्यक्ष रोजगार सृजित हो चुके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार अगले पांच वर्षों में 50 हजार प्रत्यक्ष और 1 लाख से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।
454 हेक्टेयर में फैली विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क और मल्टी-प्रोडक्ट पार्क की पूरी जमीन कंपनियों ने बुक कर ली है। वॉल्वो-आईसर, सि बायोटिक, जैक्सन सोलर, एलकेएम फार्मा और कनारा फूड प्रोसेसिंग जैसी बड़ी कंपनियां उत्पादन शुरू कर चुकी हैं या जल्द शुरू करेंगी।
फार्मा और बायोटेक सेक्टर से करीब 5 हजार रोजगार मिलने की संभावना है, जबकि सोलर इंडस्ट्री और ऑटोमोबाइल सेक्टर से भी हजारों नौकरियां सृजित होंगी। विशेषकर मेडिकल डिवाइस पार्क में उच्च-कुशल मैनपॉवर की मांग बढ़ेगी।
उद्योग और रोजगार के इस विस्तार के लिए हाई स्किल्ड मैनपॉवर तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय और स्थानीय कॉलेजों के सहयोग से अप्रेंटिसशिप और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फार्मा, बायोटेक और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर को ‘सनराइज सेक्टर’ का दर्जा दिया है। इसका उद्देश्य न सिर्फ निवेश आकर्षित करना है, बल्कि स्थानीय युवाओं को घर के पास रोजगार देना भी है।