जम्मू-कश्मीर में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग में आई भारी रुकावट के बाद ऐतिहासिक मुगल रोड घाटी की एकमात्र जीवनरेखा बनकर उभरी है। उधमपुर जिले के थराड में हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण राजमार्ग का एक बड़ा हिस्सा धंस गया और यह मुख्य मार्ग लगभग दस दिनों तक बंद रहा।
इस बाधा के कारण जम्मू, चिनाब घाटी और कश्मीर के बीच संपर्क टूट गया। जम्मू-श्रीनगर रेलवे लाइन के बंद होने के चलते ट्रांसपोर्टरों को मुगल रोड की ओर रुख करना पड़ा। यह 90 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग दक्षिण कश्मीर के शोपियां को जम्मू के राजौरी और पुंछ जिलों से जोड़ता है।
मुगल रोड के माध्यम से अब प्रतिदिन खाद्यान्न, सब्जियां, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुएँ कश्मीर घाटी तक पहुँच रही हैं। स्थानीय अधिकारी और वाहन चालक स्वीकार करते हैं कि मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही और भीड़भाड़ के बावजूद यह घाटी के लिए महत्वपूर्ण आपूर्ति गलियारा बन गया है।
राजौरी व्यापार मंडल के अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि मुगल रोड ने पीर पंजाल क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा दिया है और अब यह घाटी की जीवनरेखा बन गई है। उन्होंने सुझाव दिया कि सर्दियों में बंद होने वाले इस मार्ग को एक सुरंग के साथ साल भर चलाया जा सकता है।
पीडीपी प्रवक्ता तज़ीम डार ने मार्ग के ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि मुगल रोड का महत्व मौजूदा संकट में स्पष्ट हो गया है। एसपी यातायात जम्मू ग्रामीण गिरधारी लाल शर्मा ने बताया कि वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे प्रयास किए जा रहे हैं।