औरैया जिले का स्थापना दिवस : इतिहास और आधुनिक पहचान
औरैया, 17 सितंबर। उत्तर प्रदेश का औरैया जिला आज अपना 28वां स्थापना दिवस मना रहा है। 17 सितंबर 1997 को प्रशासनिक पुनर्गठन के तहत इटावा जिले की औरैया और बिधूना तहसीलों को अलग कर नया जिला बनाया गया था।
ऐतिहासिक गौरव
इतिहासकार बीरेन्द्र सिंह सेंगर के अनुसार, औरैया का अतीत अत्यंत गौरवशाली रहा है। प्राचीन काल में यह क्षेत्र पांचाल राज्य का हिस्सा था। 13वीं शताब्दी में सेंगर राजपूतों का शासन स्थापित हुआ। महाराजाधिराज विशोक देव ने विवाह के दौरान प्राप्त भूमि पर देवकली मंदिर का निर्माण कराया, जो आज जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान का केंद्र है।
मुगल और रोहिला काल में प्रशासनिक बदलाव हुए, जबकि अंग्रेजी शासन में औरैया इटावा जिले की तहसील बनी। जिले के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी निभाई।
आधुनिक औद्योगिक और कृषि केंद्र
आज औरैया जिला आधुनिक औद्योगिक और कृषि केंद्र के रूप में जाना जाता है। यहाँ GAIL सहित पेट्रोलियम उद्योग, कारखाने और छोटे-बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान कार्यरत हैं। कृषि की दृष्टि से यह भूमि अत्यंत उपजाऊ है, जिसमें गेहूँ, धान, आलू, मक्का और दलहन की भरपूर पैदावार होती है।
स्थापना दिवस समारोह
स्थापना दिवस के अवसर पर जिलेभर में सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रशासन और सामाजिक संगठन मिलकर जिले की ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने और विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने का संकल्प ले रहे हैं।
निष्कर्ष
औरैया जिले की यात्रा इतिहास, संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम और औद्योगिक विकास से परिपूर्ण रही है। यह जिला आधुनिक भारत में औद्योगिक और कृषि केंद्र के रूप में अपनी विशेष पहचान बना चुका है और भविष्य में भी विकास की राह पर अग्रसर रहेगा।