बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए खोला रोजगार का खजाना
पटना, बिहार। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव-2025 से ठीक पहले युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार से जुड़ी करीब दर्जन भर नई योजनाओं को कैबिनेट से मंजूरी दिलाई। यह कदम राज्य में 60 प्रतिशत युवा आबादी को साधने की रणनीति के तहत उठाया गया है।
प्रमुख योजनाएँ और लाभ
- स्नातक पास युवाओं को नौकरी खोजने में मदद के लिए दो साल तक 1,000 रुपये प्रतिमाह भत्ता।
- स्वरोजगार के लिए राज्य की प्रत्येक परिवार की महिला को 2,10,000 रुपये तक आर्थिक सहायता।
- सरकारी नौकरियों की प्रारंभिक परीक्षा शुल्क घटकर 100 रुपये और मुख्य परीक्षा नि:शुल्क।
- टीआरई-4 शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू।
- कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय के माध्यम से युवाओं का कौशल विकास।
- बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत गरीब परिवारों के स्वरोजगार को 2 लाख तक की सहायता।
- सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण और डोमिसाइल नीति।
- उद्योगों के लिए औद्योगिक विकास प्रोत्साहन पैकेज 2025, मुफ्त जमीन और प्रोत्साहन राशि।
- मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना: इंटर्नशिप में 4,000–6,000 रुपये प्रतिमाह।
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना: ब्याज मुक्त राशि।
- बंद उद्योगों को चालू करने के लिए बिहार एमनेस्टी पॉलिसी 2025।
- बिहार युवा आयोग का गठन और गिग वर्कर्स अधिनियम 2025 के तहत निजी और सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता।
चुनावी संदर्भ और युवा आबादी
बिहार में 18 से 40 साल तक के लगभग 3.7 करोड़ युवा वोटर हैं। 50 साल से कम उम्र के वोटरों की कुल आबादी लगभग 5.50 करोड़ है। इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश सरकार ने रोजगार और स्वरोजगार की सुविधाओं का खजाना खोल दिया है।