नवरात्र 2025: दुर्गाष्टमी और महानवमी का महत्व
जयपुर, 29 सितंबर (हि.स.) – इस साल नवरात्र में दुर्गाष्टमी 30 सितंबर (मंगलवार) और महानवमी 1 अक्टूबर (बुधवार) को मनाई जाएगी। पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि का धार्मिक महत्व अत्यधिक माना जाता है।
दुर्गाष्टमी और महानवमी के दिन उपवास रखने से नवरात्र का फल मिलता है। इस दौरान हवन और कन्या पूजन करना शुभ माना जाता है। अष्टमी व नवमी तिथियों में किए गए पूजा अनुष्ठान से देवी दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
दशहरा, जो इस बार 2 अक्टूबर (गुरुवार) को है, को रावण दहन प्रदोष काल में सूर्यास्त के बाद किया जाएगा। इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और देवी दुर्गा द्वारा महिषासुर पर विजय की याद मनाई जाती है। इसलिए इसे विजयादशमी कहा जाता है।
विजयादशमी के दिन लोग गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, भूमि-भवन, वाहन, आभूषण और क्रय-विक्रय के कार्य कर सकते हैं। गुरुवार को नवरात्रोत्थापन भी संपन्न होगा।
पंडित शर्मा ने कहा कि नवरात्र के इन पावन दिनों में श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अनुष्ठान करने से समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है। भक्तजन इस अवसर पर माता दुर्गा के विशेष आराधना मंत्रों का पाठ करते हैं और मंदिरों में श्रृंगार व सजावट का आयोजन करते हैं।
इस प्रकार, दुर्गाष्टमी और महानवमी नवरात्र पर्व की सबसे महत्वपूर्ण तिथियां हैं, जिनमें श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शक्ति का संचार होता है।