नई दिल्ली, 30 सितंबर। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार सुबह 10 बजे चालू वित्त वर्ष 2025-26 की चौथी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय द्विमासिक समीक्षा बैठक के निर्णय की घोषणा करेंगे।
आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार आरबीआई रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। एसबीआई रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में भी यही संभावना जताई गई है। उनका मानना है कि यह कदम उचित और तर्कपूर्ण रहेगा, क्योंकि आगामी वित्त वर्ष 2026-27 में खुदरा महंगाई दर नरम बनी रहने की उम्मीद है।
फरवरी से अब तक आरबीआई ने तीन किस्तों में रेपो रेट में कुल 100 आधार अंक यानी 1 प्रतिशत तक की कटौती कर चुका है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई में गिरावट के बावजूद, अगस्त में रेपो रेट यथावत रखा गया था। फिलहाल रेपो रेट 5.50 प्रतिशत पर है।
आरबीआई गवर्नर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में ब्याज दर, तरलता स्थिति और आर्थिक वृद्धि के रुख पर भी चर्चा की जाएगी। इस बैठक का प्रभाव ब्याज दरों, ऋण, निवेश और सामान्य उपभोक्ता खर्च पर सीधे महसूस किया जा सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यदि रेपो रेट में कटौती होती है तो बैंक ऋण सस्ता होगा और निवेश तथा उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, मुद्रास्फीति नियंत्रण के लिए यह निर्णय संतुलित कदम के रूप में देखा जाएगा।
इस बार की मौद्रिक समीक्षा बैठक का परिणाम देश की आर्थिक गतिविधियों और वित्तीय बाजारों पर अहम प्रभाव डाल सकता है, इसलिए निवेशक और उद्योग जगत भी बड़ी उम्मीद लगाए हुए हैं।