जगदलपुर, 30 सितंबर। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र जगदलपुर द्वारा केंद्रीय जेल जगदलपुर के बंदियों को स्वरोजगार और व्यवसायिक गतिविधियों के संबंध में जानकारी दी गई। यह आयोजन सोमवार को किया गया, जिसमें जेल के विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले बंदियों को शामिल किया गया।
बंदियों को बढ़ई, दर्जी, लोहारी, जूट बैग निर्माण, मूर्तिकार और प्रिटिंग प्रेस जैसी कार्यशालाओं के माध्यम से भविष्य में व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए विस्तृत जानकारी दी गई। क्षेत्रीय व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के मुख्य महाप्रबंधक अजीत सुंदर बिलुंग ने योजनाओं और स्वरोजगार से जुड़ी गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बंदियों को प्रोत्साहित किया कि वे सीखी गई हुनर का उपयोग करके समाज और अपने व्यक्तिगत जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
इस अवसर पर केंद्रीय जेल के अधिकारी-कर्मचारी और उद्योग विभाग के अधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य बंदियों को केवल कौशल प्रशिक्षण देना ही नहीं, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और समाज में पुनः समायोजन की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करना था।
जेल प्रशासन और उद्योग विभाग का मानना है कि ऐसे कार्यक्रम बंदियों में आत्मनिर्भरता, जिम्मेदारी और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करते हैं। इससे बंदियों को भविष्य में स्वरोजगार अवसरों का लाभ मिलेगा और वे समाज में योगदान दे सकेंगे।
इस पहल से यह संदेश भी जाता है कि जेल में शिक्षा और कौशल विकास पर जोर देकर बंदियों को सकारात्मक और उत्पादक जीवन के लिए तैयार किया जा रहा है।