गौतमबुद्ध नगर, 30 सितंबर। उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो (यूपीआईटीएस-2025) को सफल, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने में उत्तर प्रदेश पुलिस की स्मार्ट पुलिसिंग का योगदान सराहनीय रहा। इस आयोजन में सुरक्षा, ट्रैफिक प्रबंधन और जन सुरक्षा के लिए पुलिस ने आधुनिक तकनीक और कुशल रणनीति का उपयोग किया, जिससे यह इवेंट जीरो इंसिडेंट बना।
अपर पुलिस आयुक्त राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के तहत 7 डीसीपी, 14 एडीसीपी, 38 एसीपी, 80 इंस्पेक्टर, 300 सब-इंस्पेक्टर, 40 महिला सब-इंस्पेक्टर और कुल 1,400 कांस्टेबल तैनात किए गए। महिला सुरक्षा के लिए 150 महिला कांस्टेबल भी शामिल थीं। सुरक्षा बढ़ाने हेतु 7 कंपनियों पीएसी और 1 कंपनी आरएएफ की भी तैनाती की गई।
ट्रैफिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया। 10 ट्रैफिक इंस्पेक्टर, 20 टीएसआई, 450 ट्रैफिक कांस्टेबल और 3 एसीपी ट्रैफिक ने सुनिश्चित किया कि यातायात सुचारु रूप से चले। नौ जोनों और 20 सेक्टरों में सुरक्षा की निगरानी की गई।
आयोजन स्थल पर 24 घंटे सक्रिय कंट्रोल रूम और 550 सीसीटीवी कैमरों से सतत निगरानी की गई। ड्रोन और अन्य तकनीकी उपायों के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की गई।
पार्किंग सुविधा के लिए सात स्थल बनाए गए, जिसमें 15,000 से अधिक वाहनों की पार्किंग संभव थी। नासा पार्किंग में 10,000 वाहन एक साथ खड़े किए जा सकते थे, और शटल बस सेवा के माध्यम से आगंतुकों को आयोजन स्थल तक पहुँचाया गया।
स्मार्ट पुलिसिंग का डिजिटल दृष्टिकोण अपनाते हुए सोशल मीडिया पर डायवर्जन प्लान की जानकारी भी साझा की गई, जिससे आगंतुक सही मार्ग पर आसानी से पहुँच सके। इस प्रकार, यूपी पुलिस की सतर्कता और आधुनिक तकनीकी उपायों ने यूपीआईटीएस-2025 को न सिर्फ व्यवस्थित और सुरक्षित बनाया, बल्कि स्मार्ट पुलिसिंग की मिसाल भी कायम की।