जयपुर, 1 अक्टूबर।
राजधानी जयपुर के चांदपोल बाजार स्थित श्री रामचंद्र जी मंदिर में विजय दशमी पर्व पर इस वर्ष भी परंपरागत रूप से शस्त्र पूजन किया जाएगा। खास बात यह है कि पूजा के साथ मंदिर परिसर में हवाई आतिशबाजी भी होगी।
मंदिर के महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि शहर में केवल इसी मंदिर में रियासत काल से अब तक शस्त्र पूजन की परंपरा जीवित है। दशहरे के दिन विशेष मंत्रोच्चारण के साथ धनुष, बाण, तलवार, खड्ग, कटार, गदा, भाला, फरसा और बंदूक जैसे शस्त्रों की पूजा की जाएगी।
मंदिर में शस्त्र रखने के लिए एक अलग शस्त्रागार भी बनाया गया है। श्री ठाकुर जी के धारण करवाने वाले शस्त्रों में विशेष रूप से 10 किलो चांदी से बना धनुष, 8 किलो का दोधारी खड्ग और 5 किलो की चांदी की तलवार शामिल हैं। ये शस्त्र विभिन्न राजपरिवारों द्वारा मंदिर को भेंट किए गए थे।
इतिहास से जुड़ा एक विशेष शस्त्र 3 फीट लंबा चांदी का धनुष है, जिसे 1882 में माजी साहिबा श्री गुलाब कंवर ने भेंट किया था। इसी तरह, नरेश माधो सिंह ने चांदी की तलवार भेंट की थी और राजा भवानी सिंह ने सूर्य चिन्ह अंकित लकड़ी की बंदूक अर्पित की थी। इनके अलावा 10 फीट लंबे भाले, सिंहमुख गदा और अन्य चांदी जड़े शस्त्र भी इस दिन प्रदर्शित किए जाते हैं।
महंत तिवाड़ी ने बताया कि साल में केवल विजय दशमी पर ही मंदिर में राजसी दरबार सजता है। इस अवसर पर ठाकुर जी को रजवाड़ी पोशाक धारण करवाई जाती है और शस्त्रों को भव्य रूप से सजाया जाता है। मंदिर भक्त समाज इस दिन विशेष बधाई उत्सव भी मनाएगा।