जयपुर/धोलेरा, 2 अक्टूबर।
गुजरात के धोलेरा को भारत की पहली ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह शहर दिल्ली–मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC) का हिस्सा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में शामिल है। धोलेरा का कुल क्षेत्रफल लगभग 920 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें प्रारंभिक चरण में 153 वर्ग किलोमीटर विकसित किया जा रहा है।
धोलेरा में अंडरग्राउंड यूटिलिटी नेटवर्क, स्मार्ट ग्रिड, अत्याधुनिक सड़कें और पुनर्चक्रित जल प्रणाली जैसी आधुनिक सुविधाएं बनाई जा रही हैं। यह परियोजना 2043 तक छह चरणों में पूरी होगी। अहमदाबाद–धोलेरा एक्सप्रेसवे और ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट इसे कनेक्टिविटी में मजबूती देंगे, जिससे औद्योगिक और यात्री यातायात आसान होगा।
तकनीकी दृष्टि से सबसे बड़ी उपलब्धि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट है, जो भारत का पहला स्वदेशी चिप फैब्रिकेशन प्लांट होगा। लगभग 91,000 करोड़ रुपये के निवेश से यह प्लांट सिलिकॉन वेफ़र्स और उन्नत फोटोलिथोग्राफी तकनीक से चिप्स बनाएगा।
धोलेरा हरित ऊर्जा में भी अग्रणी होगा। यहाँ 5000 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें अदाणी ग्रीन, एसजेवीएन और टाटा पावर निवेश कर रहे हैं। इससे रोजगार और ऊर्जा सुरक्षा दोनों बढ़ेंगी।
इतिहास की दृष्टि से धोलेरा क्षेत्र का महत्व कम नहीं है। पास स्थित लोथल हड़प्पा सभ्यता का प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। प्राचीन और आधुनिक भारत की यह झलक धोलेरा को भविष्य की स्मार्ट सिटी के रूप में और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
धोलेरा स्मार्ट सिटी सिर्फ औद्योगिक केंद्र नहीं बल्कि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता, हरित ऊर्जा और योजनाबद्ध शहरीकरण का प्रतीक बनकर वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी।