उत्तर बंगाल में चाय उद्योग प्रभावित
उत्तर बंगाल के पहाड़ी, तराई और डुआर्स क्षेत्रों में लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तर बंगाल चाय उद्योग नुकसान का सामना कर रहा है। प्रारंभिक अनुमान से यह नुकसान सौ करोड़ रुपये से अधिक है।
बागानों और कारखानों को भारी क्षति
टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया की डुआर्स शाखा के सचिव राम अवतार शर्मा ने बताया कि कई बागान भारी बारिश और भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं। ‘टू लीव्स एंड ए बड’ अवस्था की चाय पत्तियां प्रभावित हुईं, जिससे उत्पादन कम हुआ। साथ ही कई कारखानों और गोदामों में जलजमाव से पत्तियां खराब हो गईं।
प्रभावित क्षेत्रों की संख्या
कुल 276 चाय बागानों में से लगभग 30 बागान गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। तराई क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां करीब 15 बागानों को भारी नुकसान हुआ है। उत्तर बंगाल चाय उद्योग नुकसान का सही आंकलन विस्तृत सर्वेक्षण के बाद ही संभव होगा।
आर्थिक असर और भविष्य की संभावना
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि बागानों की क्षति और उत्पादन में गिरावट के कारण आने वाले महीनों में चाय के दामों में वृद्धि हो सकती है। इससे न केवल स्थानीय उत्पादन प्रभावित होगा, बल्कि देश और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी असर दिख सकता है।
सरकारी मदद की जरूरत
टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से उबरने के लिए उद्योग को सरकारी मदद की आवश्यकता है। अगर समय पर सहायता नहीं मिली तो उत्तर बंगाल चाय उद्योग नुकसान और गंभीर हो सकता है।