आईआईटी खड़गपुर में नवाचार का सत्र
खड़गपुर के आईआईटी खड़गपुर में आयोजित लीडरशिप टॉक में शिक्षाविद, लेखक और उद्यमी विवेक वाधवा ने “साइंस फिक्शन से वास्तविकता तक: कैसे एक्सपोनेंशियल टेक्नोलॉजीज नई पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाती हैं” विषय पर अपने विचार साझा किए।
तकनीकी प्रगति और स्वास्थ्य नवाचार
वाधवा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स, जैव प्रौद्योगिकी और कंप्यूटिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के तेजी से विकास और उनके समाज तथा उद्योगों पर प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज की तकनीकी प्रगति इतनी तेज़ हो गई है कि कल की विज्ञान कथा आज की वास्तविकता बन चुकी है।
नवप्रवर्तन और नेतृत्व
शिक्षाविद वाधवा ने भारतीय नवप्रवर्तकों और संस्थानों की क्षमताओं पर जोर देते हुए कहा कि वे इस प्रगति की लहर पर सवारी कर सकते हैं और इसे आकार देकर नेतृत्व कर सकते हैं। उन्होंने जिम्मेदार, समान और मानवीय दृष्टिकोण के साथ नवाचार करने की आवश्यकता पर बल दिया।
भारत की अनूठी स्थिति
वाधवा ने यह भी बताया कि भारत पारंपरिक मार्गों को छोड़कर नई तकनीकी राहों पर तेजी से बढ़ रहा है। इससे वैश्विक चुनौतियों का समाधान संभव होगा और नई पीढ़ी के नवप्रवर्तकों को सशक्त बनाया जा सकेगा।
छात्र और संकाय का उत्साह
इस कार्यक्रम में आईआईटी खड़गपुर के संकाय सदस्य, छात्र और नवप्रवर्तक बड़ी संख्या में शामिल हुए। उन्होंने विश्व के प्रभावशाली तकनीकी विचारकों में से एक से प्रेरणा प्राप्त की और भविष्य की स्वास्थ्य तकनीक और नवाचार की संभावनाओं को समझा।