बाढ़ में बेघर हुए 40 परिवार
बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले के लौरिया प्रखंड में दानियाल परसौना पंचायत के वार्ड संख्या 12 में बाढ़ ने एक बार फिर तबाही मचाई। नदी के किनारे बसे लगभग 40 परिवारों के घरों में पानी घुसने से लोग बाढ़ में बेघर हो गए हैं। सभी परिवार ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं और राहत की उम्मीद में दिन बिता रहे हैं।
ग्रामीणों का दुख
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ उनके लिए हर साल का संकट बन गई है। पानी उतरने के बाद वे किसी तरह फूस की झोपड़ी बनाकर जीवन यापन करते हैं, लेकिन कुछ ही महीनों में बाढ़ फिर उनकी परेशानियों का कारण बन जाती है। इस बार भी बाढ़ ने उनके घर, राशन और जरूरी सामान को पूरी तरह नष्ट कर दिया।
स्थायी समाधान की मांग
ग्रामीण लक्ष्मण मांझी, संजू मांझी, कुंवर मांझी, रंगीला मांझी, चंदन मांझी, लालजी मांझी, धीरज मांझी, रमेश मांझी, श्रीकृष्ण मांझी, अजय मांझी और मधु मांझी सहित अन्य लोगों ने अंचल अधिकारी को आवेदन देकर स्थायी जमीन और पुनर्वास की मांग की। उन्होंने कहा कि जब तक स्थायी समाधान नहीं मिलेगा, तब तक यह संकट हर साल दोहराया जाएगा।
प्रशासन और राहत
ग्रामीणों का कहना है कि राहत कार्य धीमी गति से हो रहे हैं। लोग ऊंचे स्थानों पर अस्थायी झोपड़ियों में जीवन यापन कर रहे हैं और प्रशासन से स्थायी पुनर्वास की अपेक्षा रखते हैं।
भविष्य की चिंता
स्थानीय निवासी चेतावनी दे रहे हैं कि यदि स्थायी भूमि और सुरक्षित आवास नहीं दिया गया, तो हर साल बाढ़ का यही संकट उनके जीवन को प्रभावित करता रहेगा। ग्रामीण चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे को प्राथमिकता से सुलझाए।