उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म को नई पहचान
लखनऊ, 10 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म का नया मॉडल प्रकृति, मानव और वन्यजीव के सामंजस्य पर आधारित है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य का ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रहा है।
दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में 10 से 12 अक्टूबर तक आयोजित ग्लोबल वाइल्डलाइफ फेयर में उत्तर प्रदेश के जंगलों, वन्यजीवों और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों को देश-विदेश के आगंतुकों के सामने प्रदर्शित किया गया। इस फेयर की थीम थी — ‘प्रकृति, मानव और वन्यजीव के बीच सामंजस्य।’
पर्यटन स्थलों और जैव विविधता का प्रदर्शन
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि यूपी इको टूरिज्म बोर्ड के स्टॉल पर राज्य के प्रमुख स्थलों जैसे दुधवा टाइगर रिजर्व, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, गुलमोहर ईको विलेज रिसॉर्ट (बांदा), द कतर्निया सराय और दुधवा निर्वाणा रिट्रीट को प्रदर्शित किया गया।
दुधवा रिजर्व में बाघ, गैंडा, हाथी, बारहसिंघा और घड़ियाल जैसे दुर्लभ वन्यजीव आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बने।
वैश्विक भागीदारी और नीति लक्ष्य
फेयर में 25 से अधिक देशों के संरक्षण विशेषज्ञ, इको-टूरिज्म संचालक, शोधकर्ता और प्रकृति प्रेमी शामिल हुए। इस आयोजन में पर्यटन प्रदर्शनियां, कार्यशालाएं और छात्र सत्र आयोजित किए गए, जिनका उद्देश्य जिम्मेदार पर्यटन और संरक्षण सहयोग को प्रोत्साहित करना है।