जोधपुर, 13 अक्टूबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ ने आयकर विभाग द्वारा जोधपुर निवासी मनोज कुमार जैन के खिलाफ जारी री-एसेसमेंट नोटिस (धारा 148) और पारित असेसमेंट आदेश (धारा 147) को रद्द कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि नोटिस गलत अधिकारी द्वारा जारी किया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इसे फेसलेस असेसिंग अधिकारी की ओर से जारी किया जाना चाहिए था। कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार किया और नोटिस व आदेश को रद्द कर दिया।
आयकर विभाग ने तर्क दिया कि करदाता ने प्रक्रिया में भाग लिया और अब अधिकार क्षेत्र को चुनौती नहीं दे सकता, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर कहा कि अधिकार क्षेत्र का मुद्दा किसी भी स्तर पर उठाया जा सकता है।
कोर्ट ने आयकर विभाग को शर्त के साथ अनुमति दी है कि यदि सुप्रीम कोर्ट संबंधित मामलों में हस्तक्षेप करता है, तो धारा 148 के तहत नोटिस को पुनः जारी किया जा सकता है।
यह फैसला करदाताओं के अधिकार और प्रक्रिया की वैधता को लेकर एक महत्वपूर्ण मिसाल माना जा रहा है।