‘लर्निंग बाय डूइंग’ को नई उड़ान दे रही योगी सरकार
लखनऊ, 27 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बुनियादी शिक्षा को प्रयोगधर्मी और कौशल-आधारित बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रही है। बच्चों में रटने की बजाय ‘सीखो करके’ (Learning by Doing) की संस्कृति विकसित करने के लिए सरकार शिक्षण पद्धति में नवाचार लागू कर रही है।
3 नवंबर से होगा 3288 शिक्षकों का महाकैंप
सरकार 3 नवंबर से दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान, लखनऊ में 1888 और 16 फरवरी से 18 मार्च तक उद्यमिता विकास संस्थान में 1400 विज्ञान-गणित शिक्षकों का त्रिदिवसीय कौशल प्रशिक्षण महाकैंप शुरू करने जा रही है। कुल 66 बैचों में यह आवासीय प्रशिक्षण होगा। इसका उद्देश्य ऐसे शिक्षक तैयार करना है, जो विद्यार्थियों को प्रयोगशाला, मॉडल, गतिविधि और वास्तविक अनुभवों से जोड़कर पढ़ाएं।
बच्चों को ‘समझने और खोजने’ की शिक्षा देना लक्ष्य
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के कक्षाकक्षों में ‘याद करने’ की बजाय ‘समझने, परखने और खोजने’ पर ज़ोर दिया जाए। यह पहल एनईपी-2020 के दर्शन और भविष्य की स्किल-इकोनॉमी व एआई युग की जरूरतों के अनुरूप है।
शिक्षा में नई संस्कृति का निर्माण
महानिदेशक स्कूल शिक्षा मोनिका रानी ने कहा कि लक्ष्य है कि बच्चे निःसंकोच प्रश्न पूछें, प्रयोगशालाएं जीवंत बनें और अध्यापक हर विद्यार्थी में सोचने की क्षमता जगाएं। यह पहल उत्तर प्रदेश में बुनियादी शिक्षा की नई पहचान बनेगी, जो बच्चों को आत्मविश्वासी और रचनात्मक नागरिक बनाएगी।




