भोपाल में शुरू हुई दो दिवसीय कार्यशाला
भोपाल, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग और मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आज से भारतीय ज्ञान परंपरा एवं पाठ्यक्रम पुस्तक लेखन पर आधारित दो दिवसीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। यह कार्यशाला पलाश रेजीडेंसी, टीटी नगर में आयोजित की जा रही है।
उच्च शिक्षा आयुक्त करेंगे शुभारंभ
कार्यशाला का शुभारंभ उच्च शिक्षा आयुक्त प्रबल सिपाहा द्वारा किया गया। दो दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्नातक द्वितीय वर्ष के पाठ्यक्रम और भारतीय ज्ञान परंपरा पर पुस्तक लेखन के लिए विशेषज्ञों के सुझाव एकत्र करना है।
150 अधिकारी और शिक्षाविद शामिल
विशेष कर्तव्स्थ अधिकारी धीरेंद्र शुक्ला ने बताया कि इस कार्यशाला में 19 विषयों के अध्यक्ष, केंद्रीय अध्ययन मंडल के सदस्य, भारतीय ज्ञान परंपरा के लेखक, और विषय विशेषज्ञों सहित लगभग 150 अधिकारी भाग ले रहे हैं।
पाठ्यक्रम में सुधार पर चर्चा
दो दिन की इस कार्यशाला में स्नातक द्वितीय वर्ष के मेजर, डीएससी और माइनर विषयों पर विस्तार से चर्चा होगी। साथ ही, प्राप्त सुझावों के आधार पर पाठ्यक्रम में संशोधन के प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
प्रमुख अतिथि और वक्ता
कार्यक्रम में मप्र हिंदी ग्रंथ अकादमी भोपाल के संचालक अशोक कड़ेल, मप्र शुल्क विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. रविंद्र कान्हेरे, और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास नई दिल्ली के सचिव डॉ. अतुल कोठारी भी उपस्थित रहेंगे। सभी विशेषज्ञ भारतीय ज्ञान परंपरा कार्यशाला के महत्व और शिक्षा प्रणाली में इसके योगदान पर अपने विचार साझा करेंगे।




