समस्तीपुर में चुनावी सरगर्मी चरम पर
समस्तीपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। बिहार का समस्तीपुर जिला इन दिनों चुनावी सरगर्मी से पूरी तरह गर्म है। यह जिला कृषि प्रधान होने के साथ-साथ राजनीतिक रूप से भी बेहद सजग माना जाता है। समाजवादी आंदोलन की यह भूमि हमेशा से राजनीति का केंद्र रही है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और कर्पूरी ठाकुर की विरासत
भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर ने ताजपुर विधानसभा से लगातार 1952 से 1972 तक जीत दर्ज की थी। इंदिरा गांधी और ललित नारायण मिश्र के प्रयासों के बावजूद कर्पूरी ठाकुर को हराया नहीं जा सका। आपातकाल के बाद परिसीमन आयोग द्वारा क्षेत्र के विभाजन को आज भी लोग एक बड़ी राजनीतिक चूक मानते हैं।
जिले की वर्तमान राजनीतिक स्थिति
फिलहाल समस्तीपुर में 10 विधानसभा क्षेत्र हैं — कल्याणपुर, रोसड़ा, समस्तीपुर, वारिसनगर, हसनपुर, मोहिउद्दीननगर, मोरवा, सरायरंजन, उजियारपुर और विभूतिपुर। कुल 28.61 लाख मतदाता हैं, जिनमें 15.60 लाख पुरुष, 13.66 लाख महिलाएं और 30 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
दलों की रणनीति और प्रत्याशी
राजग से जदयू ने सात, भाजपा ने दो, और रालोमो ने एक सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। दूसरी ओर, महागठबंधन से राजद, कांग्रेस, भाकपा (माले) और माकपा ने अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं। जनसुराज पार्टी ने सभी 10 सीटों पर उम्मीदवार देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।
स्टार प्रचारक और दिग्गजों की सक्रियता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई नेता सभाएं कर रहे हैं। वहीं तेजस्वी यादव और मुकेश साहनी भी अपनी पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार में जुटे हैं।
इस बार मैदान में दो मंत्री, एक पूर्व मंत्री और एक पूर्व सांसद भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिससे समस्तीपुर चुनावी सरगर्मी और बढ़ गई है।


 
                                    