स्टॉक मार्केट में फीकी एंट्री
स्टड्स आईपीओ की लिस्टिंग निवेशकों के लिए निराशाजनक रही। बीएसई पर शेयर 3 प्रतिशत डिस्काउंट पर 570 रुपये और एनएसई पर 565 रुपये पर खुले। 585 रुपये का इश्यू प्राइस होने के बावजूद, निवेशकों को पहले ही दिन नुकसान झेलना पड़ा।
मामूली बढ़त के बाद फिर गिरावट
सुबह 10:30 बजे तक शेयर मामूली रिकवरी के बाद 574.60 रुपये पर कारोबार कर रहा था। यानी निवेशकों को अब तक करीब 1.78% का नुकसान हुआ है। कई निवेशक उम्मीद कर रहे थे कि स्टड्स आईपीओ लिस्टिंग पर मुनाफा देगा, लेकिन मार्केट सेंटिमेंट कमजोर रहा।
शानदार सब्सक्रिप्शन, फिर भी निराशा
कंपनी का 455.49 करोड़ रुपये का आईपीओ 30 अक्टूबर से 3 नवंबर तक खुला था। यह 73 गुना से अधिक सब्सक्राइब हुआ। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स का रिस्पॉन्स सबसे मजबूत रहा, जिनका हिस्सा 159 गुना भरा गया। इसके बावजूद स्टड्स आईपीओ लिस्टिंग उम्मीद से नीचे रही।
कंपनी की वित्तीय स्थिति
वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 33.15 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था, जो 2024-25 में बढ़कर 69.64 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। राजस्व में भी 11 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, कर्ज में उतार-चढ़ाव जारी रहा।
आगे की उम्मीदें
विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकाल में कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत हो सकती है। इसलिए लॉन्ग-टर्म निवेशक स्टड्स आईपीओ में धीरे-धीरे विश्वास वापस पा सकते हैं।




