कोलकाता मेट्रो बनेगी ड्राइवरलेस
भारत की पहली मेट्रो रेल सेवा देने वाला शहर कोलकाता अब एक और ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। कोलकाता मेट्रो में जल्द ही बिना चालक (Driverless) ट्रेनें चलेंगी। इस तकनीक से मेट्रो सेवा और अधिक तेज, सुरक्षित और आधुनिक बनेगी।
रेल मंत्रालय ने दी नई प्रणाली को मंजूरी
रेल मंत्रालय ने “नीली लाइन” (दक्षिणेश्वर से कवि सुभाष मार्ग) पर संचार आधारित रेल नियंत्रण प्रणाली (CBTC Signal System) स्थापित करने की मंजूरी दे दी है। इस अत्याधुनिक परियोजना पर 465 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
ट्रेनें हर दो मिनट पर मिलेंगी
मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, अभी उत्तर-दक्षिण मार्ग पर हर छह मिनट में एक ट्रेन चलती है। नई तकनीक लागू होने के बाद यह अंतराल घटकर सिर्फ दो मिनट रह जाएगा। इससे यात्रियों को अधिक सुविधा और तेज सेवा मिलेगी।
चालक नहीं, सिर्फ परिचारक रहेगा
CBTC प्रणाली के माध्यम से मेट्रो का संचालन पूरी तरह स्वचालित (Automatic) होगा। ट्रेन में चालक की आवश्यकता नहीं होगी — केवल एक रेल परिचारक (Train Attendant) सुरक्षा और सहायता के लिए मौजूद रहेगा।
तीन से चार वर्षों में लागू होगी नई प्रणाली
अधिकारियों का कहना है कि नीली लाइन पर इस प्रणाली को पूरी तरह लागू करने में लगभग तीन से चार वर्ष का समय लगेगा। इसके बाद कोलकाता भी दिल्ली और बेंगलुरु की तरह ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा वाले शहरों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।
तकनीक से बढ़ेगा सुरक्षा स्तर
नई सीबीटीसी प्रणाली से न केवल ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ेगी, बल्कि सुरक्षा मानक भी मजबूत होंगे। यह तकनीक ट्रेनों की गति, स्थिति और आपसी दूरी को स्वचालित रूप से नियंत्रित करती है, जिससे दुर्घटना की संभावना लगभग शून्य हो जाती है।




