नई दिल्ली, 12 नवंबर (हि.स.)।
आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में ‘आचार्य कृपलानी स्मृति व्याख्यान-2025’ का आयोजन किया। व्याख्यान का विषय था — “आपातकाल में आचार्य जेबी कृपलानी”।
इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद केसी त्यागी मुख्य अतिथि और वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे। दोनों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
लोकतंत्र के प्रहरी रहे आचार्य कृपलानी
अपने संबोधन में केसी त्यागी ने कहा कि आचार्य कृपलानी ने कभी सत्ता के आगे झुकना स्वीकार नहीं किया। उन्होंने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष किया और जेल तक गए।
त्यागी ने कहा कि कृपलानी जी ने नैतिक राजनीति को जीकर दिखाया और अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि सत्य और सिद्धांत ही सच्ची शक्ति हैं।
प्रेस की स्वतंत्रता और कृपलानी की चेतावनी
वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आपातकाल के समय जब प्रेस की आज़ादी पर प्रतिबंध लगाया गया, तब कृपलानी जी ने सबसे पहले इसका विरोध किया।
उन्होंने कहा, “कृपलानी ने हमें यह सिखाया कि लोकतंत्र की रक्षा केवल नेताओं का नहीं, बल्कि नागरिकों का भी कर्तव्य है।”
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा
आचार्य कृपलानी मेमोरियल ट्रस्ट के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य नई पीढ़ी को कृपलानी जी के आदर्श, सिद्धांत और नैतिक जीवन दर्शन से जोड़ना है।
कृपलानी जी न केवल स्वतंत्रता सेनानी और गांधीवादी नेता थे, बल्कि 1946 में कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने देश की आज़ादी के समय एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी।
कार्यक्रम में हुआ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत में “चदरिया झीनी रे झीनी…” जैसे भजनों की प्रस्तुति हुई, जिसने वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षाविद, राजनेता, पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।




