दिल्ली में फिर जहरीली हवा का कहर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है। बुधवार सुबह इंडिया गेट और कर्तव्य पथ क्षेत्र घनी जहरीली धुंध की चादर में लिपटा रहा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 408 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।
प्रदूषण से सांस लेना हुआ मुश्किल
मंगलवार को भी दिल्ली का औसत AQI 425 दर्ज किया गया था। मौसम की स्थिर स्थिति, स्थानीय प्रदूषण स्रोत और उत्तर भारत से आती ठंडी हवा ने प्रदूषण की स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
यह स्थिति पिछले वर्ष दिसंबर के बाद पहली बार देखने को मिली है।
CPCB के अनुसार, AQI का स्तर जब 401 से 500 के बीच होता है, तो यह स्वस्थ व्यक्तियों के लिए भी खतरनाक हो जाता है और पहले से बीमार लोगों में गंभीर सांस संबंधी समस्याएं उत्पन्न करता है।
ग्रेप-3 लागू, पर असर नहीं
दिल्ली में मंगलवार से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-3) लागू है, जिसके तहत पांचवीं तक के स्कूल हाइब्रिड मोड में, यानी ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चलेंगे।
इसके बावजूद वायु गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं देखा गया है।
केंद्र ने जारी किए स्वास्थ्य दिशा-निर्देश
केंद्र सरकार ने प्रदूषण को लेकर स्वास्थ्य चेतावनी जारी की है।
बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को ‘उच्च जोखिम समूह’ में रखा गया है।
केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि प्रत्येक सरकारी अस्पताल में “चेस्ट क्लिनिक” स्थापित किए जाएं और प्रदूषण से प्रभावित मरीजों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराया जाए।
केंद्रीय सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि वायु गुणवत्ता लगातार गिर रही है और यह जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढ़ने और हवा की गति धीमी रहने से प्रदूषक तत्व जमीन के पास जमा हो रहे हैं।
यह न केवल सांस की बीमारियों, बल्कि दिल, दिमाग और तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकता है।




