मध्य प्रदेश को तकनीकी हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम
मध्य प्रदेश में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और निवेश को बढ़ावा देने के लिए गुरुवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में ‘एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0’ का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य को टेक्नोलॉजी-फर्स्ट इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे और उद्योगपतियों से वन-टू-वन बैठक कर निवेश और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा करेंगे।
‘टेक्नोलॉजी-फर्स्ट इकोनॉमी विजन’ और नई नीतियों का अनावरण
जनसंपर्क अधिकारी जूही श्रीवास्तव के अनुसार, इस कॉन्क्लेव में राज्य सरकार का ‘टेक्नोलॉजी-फर्स्ट इकोनॉमी विजन’ प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें यह दर्शाया जाएगा कि मध्य प्रदेश कैसे टियर-2 भारत की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करेगा।
साथ ही, ‘मध्य प्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति 2025’ का मसौदा भी पेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य उज्जैन को भारत के उभरते अंतरिक्ष नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करना है। यह नीति IN-SPACe के तहत राष्ट्रीय अंतरिक्ष सुधारों के अनुरूप होगी, जो निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देगी।
उद्योग जगत और टेक कंपनियों की भागीदारी
कार्यक्रम में डॉ. सुब्बाराव पावुलुरी (Anant Technologies), आशीष कुलकर्णी (FICCI AVGC-XR), विक्रम आहूजा (ANSR), डॉ. प्रफुल्ल जैन (IN-SPACe) और अन्य उद्योग विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
तकनीकी प्रदर्शनी में आईटी, ड्रोन, स्पेसटेक, सेमीकंडक्टर और ईएसडीएम सेक्टर की 16 से अधिक कंपनियाँ अपने नवीनतम नवाचार प्रदर्शित करेंगी।
नए प्रोजेक्ट्स और एमओयू
कॉनक्लेव के दौरान नई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन, निवेश परियोजनाओं का भूमि-पूजन, और उद्योगों के साथ एमओयू का आदान-प्रदान भी किया जाएगा।
कार्यक्रम में 500 से अधिक सीएक्सओ, स्टार्टअप संस्थापक, निवेशक और शिक्षाविद शामिल होंगे।
यह आयोजन इस बात का प्रतीक है कि मध्य प्रदेश नवाचार आधारित समावेशी विकास के माध्यम से ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को साकार करने की दिशा में अग्रसर है।




