भलस्वा लैंडफिल साइट पर मंत्री सूद का निरीक्षण
दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने गुरुवार को भलस्वा लैंडफिल साइट का दौरा कर वहां चल रहे बायो-माइनिंग, कचरा प्रोसेसिंग और धूल प्रदूषण नियंत्रण कार्यों की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान एमसीडी और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
कचरे के निस्तारण और ट्रोमल मशीनों की समीक्षा
मंत्री ने ट्रोमल मशीनों की कार्यप्रणाली, प्री-प्रोसेस्ड कचरे के निस्तारण और बायो-माइनिंग की प्रगति देखी।
उन्होंने बताया कि साइट पर 4000 एमटी नया कचरा रोज आता है, जबकि पुराना कचरा भी बड़ी मात्रा में मौजूद है।
कचरा ढोने वाली गाड़ियों के 800 से अधिक चक्कर और 7000 लीटर डीजल खर्च से भी वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
डस्ट प्रदूषण रोकने के निर्देश
सूद ने तुरंत—
- 6 एंटी स्मॉग गन,
- 12 स्प्रिंकलर
लगे होने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि भलस्वा क्षेत्र को प्रदूषण हॉटस्पॉट घोषित कर विशेष निगरानी रखी जाए।
साइट का ड्रोन सर्वे कर 10 दिनों में रिपोर्ट देने के आदेश भी जारी किए गए।
अब तक कितना कचरा हटाया गया?
भलस्वा साइट पर—
- 1994 से कचरा डंप हो रहा है।
- 2019 में ऊंचाई 65 मीटर तक पहुंच गई।
- 2022 में 73 लाख मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट मौजूद था।
- जुलाई 2022 से नवंबर 2025 तक 36.29 लाख एमटी नया कचरा डाला गया।
- कुल 109.29 लाख एमटी में से 68.82 लाख एमटी की बायो-माइनिंग पूरी हो चुकी है।
- अभी 40.47 लाख एमटी कचरा शेष है।
दिसंबर 2025 तक नई कचरा प्रोसेसिंग यूनिट
मंत्री ने बताया कि साइट के पास 10 एकड़ अतिरिक्त भूमि उपलब्ध हो चुकी है, जहां गीले कचरे की प्रोसेसिंग यूनिट दिसंबर 2025 तक शुरू हो जाएगी।
आग की घटनाओं पर रोक के निर्देश
सूद ने एमसीडी को निर्देश दिया कि भलस्वा साइट पर आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, क्योंकि इससे प्रदूषण तेजी से बढ़ता है।
साथ ही आसपास के इलाकों में दुर्गंध और वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए विशेष उपाय लागू किए जाएं।




