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राजस्थान के झुंझुनूं जिले में भ्रूण लिंग जांच के खिलाफ चल रहे अभियान में बड़ा खुलासा हुआ है। खेतड़ी क्षेत्र में पकड़े गए एक फर्जी डॉक्टर ने पूछताछ में बताया कि वह पिछले 20 साल से भ्रूण लिंग परीक्षण कर रहा है और उसका नेटवर्क up, हरियाणा और राजस्थान सहित कई राज्यों में फैला हुआ है।
झुंझुनूं पीसीपीएनडीटी सेल के जिला समन्वयक आनंद राज के अनुसार, पकड़ा गया आरोपी अवधेश पांडे, मूल रूप से अयोध्या का रहने वाला है और वह 8वीं बार गिरफ्तार हुआ है।
🔍 1987 में आया था खेतड़ी, बागवानी से शुरू हुआ धंधा
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 1987 में खेतड़ी के एक निजी अस्पताल में बागवानी का काम करता था। पौधे लगाने और परिसर की देखरेख करते हुए वह धीरे-धीरे
लैब और सोनोग्राफी रूम तक पहुंच बना बैठा।
वहीं उसने मशीन चलाना, रिपोर्ट पढ़ना और पूरी प्रक्रिया सीख ली। इसी दौरान उसने खुद को ‘डॉक्टर’ बताकर अवैध धंधा शुरू किया।
🏥 फर्जी पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट और नेपाल से मंगवाई मशीन
आरोपी ने 1995 में खेतड़ी में अपनी लैब खोली और 2000 में पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट।
यहां वह युवाओं को फर्जी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट दिलाता था।
उसने बताया कि 2003 के बाद उसने भ्रूण लिंग परीक्षण शुरू किया और नेपाल से पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन मंगवाई।
वह इस मशीन को गाड़ी में छिपाकर रखता था और
ढाबों, घरों तथा सुनसान जगहों पर जांच करता था ताकि नेटवर्क छिपा रहे।
💰 लड़का पर 50 हजार, लड़की पर 30 हजार
आरोपी ने कबूल किया कि हर टेस्ट के लिए
- लड़का होने पर 50,000 रुपये,
- लड़की होने पर 30,000 रुपये वसूलता था।
उसने कहा कि वह साल भर में 1 करोड़ रुपये तक कमा लेता है, जिनमें से करीब 50 लाख जमानत में चले जाते हैं।
🚨 तीन राज्यों में फैला है नेटवर्क
अवधेश के सैकड़ों दलाल अब भी सक्रिय हैं और पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
ये दलाल फोन पर लोकेशन देकर मरीजों को आरोपी तक पहुंचाते थे।



