ढाका, 17 नवंबर। बांग्लादेश में आज का दिन बेहद अहम है। बांग्लादेश हसीना फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 द्वारा सुनाया जाएगा। अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराधों के पांच गंभीर आरोप हैं। सरकारी अभियोजन पक्ष ने उनके लिए मृत्युदंड की मांग की है।
फैसले से पहले आगजनी-हिंसा
फैसले से पहले ढाका और आसपास के जिलों में तनावपूर्ण हालात बन गए। उपद्रवियों ने कई इलाकों में आगजनी की और देसी बम फेंके। इस वजह से बांग्लादेश हसीना फैसला को लेकर सुरक्षा अभूतपूर्व स्तर पर बढ़ा दी गई है।
भारी पुलिस-सेना तैनाती
राजधानी में पुलिस, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) और सेना को तैनात किया गया है। सचिवालय, न्यायाधिकरण और सरकारी कार्यालयों पर अतिरिक्त जांच चौकियां स्थापित की गई हैं। सरकार ने साफ कहा है कि हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
आरोप क्या हैं?
न्यायाधिकरण के अनुसार, हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमा खान कमाल और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर—
- हत्या
- हत्या के प्रयास
- उत्पीड़न
- और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप लगाए गए हैं।
हसीना को भगोड़ा घोषित किया गया है, जबकि मामून सरकारी गवाह बन चुके हैं। अभियोजन पक्ष का दावा है कि वह पिछले वर्ष सरकारी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा की मास्टरमाइंड थीं।
1400 से अधिक लोगों की मौत
यूएन मानवाधिकार रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष 15 जुलाई से 15 अगस्त के बीच हुई हिंसा में 1,400 से अधिक लोग मारे गए। अभियोजन के अनुसार यही घटनाएं बांग्लादेश हसीना फैसला का आधार हैं।
लाइव प्रसारण की तैयारी
यदि मंजूरी मिली तो फैसला बांग्लादेश टेलीविजन (बीटीवी) पर लाइव प्रसारित होगा। अन्य मीडिया भी बीटीवी की फीड दिखा सकेंगे।
बचाव पक्ष के दावे
बचाव पक्ष ने कई सरकारी गवाहों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उनका दावा है कि गवाहों पर दबाव डालकर बयान बदलवाए गए।
क्या है उम्मीद?
देश में माहौल को देखते हुए बांग्लादेश हसीना फैसला हाल के इतिहास का सबसे बड़ा और विवादास्पद निर्णय माना जा रहा है। पूरी दुनिया की निगाहें आज ढाका पर टिकी हैं।




