कांकेर में धान खरीदी प्रभावित, किसान लौट रहे मायूस
कांकेर, 17 नवंबर। जिले के धान खरीदी केंद्रों में सहकारी प्रबंधक और ऑपरेटरों की हड़ताल का असर साफ दिखने लगा है। रविवार को भी कई केंद्रों पर खरीदी शुरू नहीं हो सकी, जिससे किसान परेशान होकर खाली हाथ लौट गए।
वैकल्पिक व्यवस्था भी फेल
हड़ताल को देखते हुए प्रशासन ने राजस्व और कृषि विभाग के कर्मचारियों को केंद्रों पर ड्यूटी लगाई थी, लेकिन उन्होंने भी कार्यभार संभालने से इनकार कर दिया। इससे अधिकांश केंद्रों पर धान खरीदी पूरी तरह ठप्प हो गई है।
पटौद धान खरीदी केंद्र की स्थिति तो और भी खराब है—यह केंद्र कचरा घर जैसा नजर आ रहा है। सफाई नहीं होने से किसान खरीद प्रक्रिया शुरू होने का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं दिख रही। इच्छापुर केंद्र में भी यही स्थिति कायम है।
किसान टोकन कटाने के बाद भी लौटे
केंद्र खुलने की सूचना पर कई किसान अपना धान लेकर पहुंचे, लेकिन टोकन कटाने या तौल शुरु न होने के कारण उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ा। किसानों का कहना है कि बार-बार केंद्र के चक्कर लगाने से अतिरिक्त खर्च भी बढ़ रहा है।
पटवारी संघ ने जताई आपत्ति
पटवारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष संजय ने कहा कि पटवारियों को धान खरीदी केंद्रों में प्रबंधकीय कार्यों के लिए भेजना गलत है।
उन्होंने स्पष्ट कहा—
“पटवारी प्रबंधन का काम नहीं कर सकते। इस संबंध में प्रशासन को आवेदन दिया है। यदि स्थिति नहीं सुधरी तो प्रांतीय संगठन जो निर्णय करेगा, उसी के अनुसार आगे कदम उठाए जाएंगे।”
किसानों में बढ़ रही बेचैनी
पिछले दो दिनों से खरीदी न शुरू होने पर किसानों में चिंता बढ़ रही है। कई गांवों में धान के ढेर घरों और सड़क किनारे रखे हुए हैं। देर होने पर धान के खराब होने और नुकसान की आशंका भी बढ़ रही है।




