अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को मिली बड़ी मान्यता
वाशिंगटन, 18 नवंबर। अमेरिकी प्रतिनिधि एमी बेरा और जो विल्सन ने अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को औपचारिक मान्यता देते हुए एक महत्वपूर्ण द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव को दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों—डेमोक्रेट और रिपब्लिकन—का मजबूत समर्थन प्राप्त है।
सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच गहराता सहयोग
कैलिफोर्निया से डेमोक्रेट सांसद एमी बेरा और दक्षिण कैरोलिना से रिपब्लिकन सांसद जो विल्सन ने कहा कि यह प्रस्ताव दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच दशकों में मजबूत हुई साझेदारी का प्रतीक है। प्रस्ताव में रक्षा, उभरती तकनीक, व्यापार, आतंकवाद-निरोध और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में तेजी से बढ़ते सहयोग को रेखांकित किया गया है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की अहम भूमिका
जारी बयान में बेरा ने कहा कि एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने में भारत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रस्ताव स्पष्ट करता है कि भारत क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ बन चुका है।
अमेरिकी नीति में तीन दशक से निरंतरता
प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले 30 वर्षों में—क्लिंटन से लेकर बाइडेन प्रशासन तक—अमेरिका की नीति भारत के साथ रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित रही है। हर प्रशासन ने भारत को साझेदारी के लिए अनिवार्य सहयोगी के रूप में देखा है।
नई चुनौतियों से मिलकर निपटने का आह्वान
द्विदलीय प्रस्ताव दोनों देशों से आग्रह करता है कि वे 21वीं सदी की चुनौतियों—साइबर खतरों, आतंकवाद और उभरती प्रौद्योगिकी—से मिलकर मुकाबला करें।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय से मजबूत हुई रिश्तों की नींव
प्रस्ताव में भारतीय-अमेरिकी समुदाय की भूमिका की भी सराहना की गई है। यह समुदाय दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को और मजबूती देता है।




