सोहना आरओबी का फोर लेन विस्तार अचानक रहस्यमयी बाधाओं में उलझ गया है।
प्रशासन योजना को आगे बढ़ाना चाहता है, लेकिन निजी निर्माण रास्ता रोक रहे हैं।
कई भूमि मालिकों ने पैसा लेकर रजिस्ट्री तो कर दी, पर जमीन खाली नहीं की।
सबसे बड़ा विवाद एक बड़े कारखाने से जुड़ा है, जिसने सौदा पूरा होने के बाद भी भाग नहीं हटाया।
आरओबी का निर्माण शुरू होने से पहले ही निजी दीवारें सामने खड़ी हो गईं।
प्रशासन को संदेह है कि कुछ निर्माण जानबूझकर हटाए नहीं जा रहे।
परियोजना टीम बार-बार नोटिस भेज चुकी, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला।
अब प्रशासन ने निर्णायक कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है।
अवैध निर्माणों को तोड़ने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही मौके पर कार्रवाई कर संरचनाएँ हटाई जाएँगी।
फोर लेन विस्तार के बिना सोहना का ट्रैफिक सिस्टम लगातार दबाव झेल रहा है।
लोग पूछ रहे हैं—क्या निजी हित सार्वजनिक परियोजना से बड़ा हो सकता है?
प्रशासन का दावा है कि जनता के हित में कोई बाधा अब बर्दाश्त नहीं होगी।
कार्रवाई होते ही आरओबी विस्तार लंबे समय से फंसे जाम को खत्म करने में मदद करेगा।
अब सबकी निगाहें इसी पर टिकी हैं—रुकावटें हटेंगी या विवाद और गहराएगा?




