भोपाल, 25 नवंबर। मध्य प्रदेश में आईएएस संतोष वर्मा के ‘ब्राह्मण बेटी’ संबंधी विवादित बयान ने बड़ा राजनीतिक और सामाजिक तूफान खड़ा कर दिया है। अजाक्स नेता वर्मा ने रविवार को कहा था—
“जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या संबंध नहीं बनाता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।”
बयान सामने आते ही कई सामाजिक संगठनों, राजनीतिक नेताओं और ब्राह्मण समाज में कड़ी नाराजगी फैल गई।
विरोध में हिंदू उत्सव समिति, भोपाल के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वर्मा से सार्वजनिक माफी की मांग की। हालांकि उनकी खुद की टिप्पणी भी महिला विरोधी बताते हुए सोशल मीडिया पर निशाने पर आ गई। दोनों बयानों को समाजिक और बौद्धिक वर्गों ने अनुचित करार दिया।
अजाक्स प्रांताध्यक्ष आईएएस संतोष वर्मा ने सफाई देते हुए कहा कि उनका 27 मिनट का भाषण तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और वे क्षमा चाहते हैं। बावजूद इसके, विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा।
सपाक्स के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने बयान को “घटिया और निंदनीय” बताते हुए कहा कि ऐसे अधिकारी को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने तुरंत निलंबन और गिरफ्तारी की मांग की।
राष्ट्रीय सनातन सेना ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और उनके “मुंह काला करने पर 51 हजार रुपये” के इनाम का ऐलान किया।
केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे ने कहा—
“एक वरिष्ठ अधिकारी का जातिगत और स्त्री विरोधी बयान समाज को बांटने वाली मानसिकता दिखाता है। यह घोर आपत्तिजनक है।”
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे हिंदू एकता को तोड़ने की कोशिश बताया। वहीं, BJP के प्रदेश मंत्री लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि ऐसी सोच भारतीय प्रशासनिक सेवा के योग्य नहीं।
अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज ने भी संतोष वर्मा की गिरफ्तारी और निलंबन की मांग की है। मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ ने भी डिप्टी सीएम को ज्ञापन सौंपकर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई।




